
डॉक्टर्स का कैंडल मार्च (सौजन्य-नवभारत)
Faltan Woman Doctor Suicide: फलटण में महिला डॉक्टर की आत्महत्या के आरोपियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए लेकिन सरकार डॉक्टरों के साथ हो रहे अन्याय पर आंखें मूंदे हुए है। इससे चिकित्सा समुदाय में भारी असंतोष है। इसी के चलते राज्यभर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सरकार की निंदा करने के लिए सेंट्रल मार्ड के निर्देशानुसार रोगी सेवाओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
इसी के चलते सोमवार से मेडिकल, मेयो समेत विभिन्न सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर उपस्थित नहीं होंगे। सरकारी मेडिकल कॉलेज, इंदिरा गांधी सरकारी कॉलेज, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, मैग्मो और सेंट्रल मार्ड संगठन की ओर से फलटण की महिला डॉक्टर को श्रद्धांजलि देने के लिए संविधान चौक पर कैंडल मार्च निकाला गया। इस दौरान आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मौन मांग की गई।
इसमें डॉक्टर, मेडिकल छात्र समेत आम नागरिक भी शामिल हुए। सभी ने हाथों में मोमबत्तियां लेकर डॉ. संपदा को श्रद्धांजलि दी और शपथ ली कि वे उनके न्याय के लिए मिलकर आवाज उठाएंगे। कैंडल मार्च के दौरान महाराष्ट्र स्टेट मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. समीर गोलावार, सेंट्रल मार्ड सचिव डॉ. सुयश हनुमंत धवने, मैग्मो के अध्यक्ष डॉ. राहुल कन्नमवार और आईएमए नागपुर शाखा के अध्यक्ष डॉ. राजेश सावरबांधे ने शोक व्यक्त किया।
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सोमवार को मेडिकल के 300 और मेयो के 150 डॉक्टर ऐसे कुल 450 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल में शामिल होंगे। सप्ताह के पहले दिन मरीजों के इलाज पर खासा असर पड़ेगा। सेंट्रल मार्ड के सचिव डॉ. सुयश धवने ने बताया कि इस दौरान केवल अति आवश्यक सेवाएं ही उपलब्ध रहेंगी।






