सीताबर्डी से हाकर्स को हटाना आदेशों का उल्लंघन नहीं (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Removing Hawkers From Sitabuldi: हाई कोर्ट की ओर से जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 मार्च 2023 को स्पष्ट आदेश दिया था कि यदि मनपा ने किसी भी हाकर्स को हाकिंग का लाइसेंस किसी भी समय दिया हो और किसी भी कारणों से उसका नवीनीकरण नहीं किया गया हो, तो भी ऐसे लाइसेंसधारक हाकर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
इसके बावजूद ग्रीष्मकालिन अवकाश के दौरान बर्डी से हाकर्स हटाए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए अब नागपुर फेरिवाला फूटपाथ दूकानदार संगठन के महासचिव रज्जाक कुरेशी की ओर से हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई। आदेशों के अनुसार अब मनपा की ओर से हाई कोर्ट में शपथपत्र दायर किया गया।
शपथपत्र देते हुए मनपा ने सीताबर्डी मेन रोड से हाकर्स को हटाना कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं होने का हवाला तो दिया, साथ ही बिन शर्त माफी भी मांगी। मनपा की ओर से अतिरिक्त आयुक्त अजय चारठनकर की ओर से हलफनामा दायर किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधि. भांगडे और मनपा की ओर से अधि. जैमीनी कासट ने पैरवी की।
हलफनामा में बताया गया कि शुरुआती TVC ने 22 दिसंबर 2016 की बैठक में सीताबर्डी मेन रोड सहित 53 स्थानों को हॉकर जोन घोषित करने की मंजूरी दी थी, जिसे 29 दिसंबर 2016 को राजपत्र में अधिसूचित किया गया था। हालांकि, सीताबर्डी मर्चेंट्स एसोसिएशन ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए रिट याचिका संख्या 6215/2016 दायर की, जिस पर न्यायालय ने 30 जनवरी 2017 को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
2014 के अधिनियम के तहत एक नई 20 सदस्यीय TVC का गठन 17 दिसंबर 2019 को चुनावों के माध्यम से किया गया, जिसे राज्य सरकार द्वारा 6 अक्टूबर 2022 को अधिसूचित किया गया. कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2022 को रिट याचिका संख्या 6215/2016 में नई TVC को पिछले निर्णय पर फिर से विचार करने की स्वतंत्रता दी। इस नए TVC ने 21 फरवरी 2024 को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सीताबर्डी मुख्य मार्ग को हॉकिंग ज़ोन के रूप में बनाए न रखने का निर्णय लिया।
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अतिरिक्त आयुक्त ने हलफनामा में बताया कि पीआईएल संख्या 7/2019 में 20 फरवरी 2023 के आदेश में केवल बिना लाइसेंस वाले फेरीवालों और स्टॉल मालिकों को तत्काल हटाने को कहा था।जबकि लाइसेंस प्राप्त फेरीवाले अपने निर्दिष्ट स्थानों पर व्यवसाय कर सकते हैं। 1 मार्च 2023 को न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मनपा केवल उन स्ट्रीट वेंडरों और फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा जिन्हें पहले कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया था।
अतिरिक्त आयुक्त ने कहा कि 29 नवंबर 2024 को सीताबर्डी मुख्य मार्ग पर जो कार्रवाई की गई, वह उन स्ट्रीट वेंडरों और फेरीवालों को हटाने के लिए थी जिन्हें कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता संघ के कथित सदस्य भी शामिल थे। हलफनामा में याचिकाकर्ता के इस दावे का खंडन किया गया कि 266 कथित सदस्यों को अस्थायी लाइसेंस जारी किए गए थे। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि पुराने TVC ने कभी भी अस्थायी लाइसेंस जारी करने का निर्णय नहीं लिया था और लाइसेंस/पहचान पत्र केवल उन फेरीवालों/विक्रेताओं को जारी किए गए थे जिन्होंने पूरी फीस (कुल 1000 रुपये) का भुगतान किया था।