नागपुर: नागपुर में तेजी से बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण शहर में चल रहे सड़क और फ्लाईओवर के काम भी है। अधूरे काम और सुरक्षा उपायों को दरकिनार कर ठेकेदार लोगों की जान धोखे में डाल रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर रवींद्रकुमार सिंगल ने कांट्रेक्टरों और ठेकेदारों को सख्त हिदायत दी है। कमिश्नर ने ठेकेदारों को साफ चेतावनी दी है कि यदि अब उनकी वजह से सड़क दुर्घटना में किसी की जान गई तो पुलिस छोड़ेगी नहीं। इतना ही नहीं सीपी ने कहा कि यदि ठेकेदार यह सोच रहे हैं कि अपने राजनीतिक संबंधों से वो बच जाएंगे तो अपने दिमाग से यह ख्याल निकाल लें।
मिली जानकारी के अनुसार, रवींद्रकुमार सिंगल ने ज्वाइंट सीपी अस्वती दोरजे सहित आला अधिकारियों की उपस्थिति में कांट्रेक्टरों की बैठक बुलाई थी। इसमें सीपी ने डीसीपी शशिकांत सातव ने बताया कि हाल ही में एक पीआईएल में उच्च न्यायालय ने अधूरे विकास कामों और अन्य वजह से हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता जताई है। साथ ही सीपी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। जिसमें सभी विभाग के अधिकारी भी सदस्य होंगे।
सातव ने बताया कि सिटी के 20 निर्माणाधीन फ्लाइओवर पर हुए एक्सीडेंट में 5 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा 24 सीमेंट रोड के प्रकल्पों के कारण 19 दुर्घटनाएं हुई हैं और 6 लोगों की मौत हुई है। सीपी ने पुलिस अधिकारियों से अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली परेशानी और खामियों के बारे में पूछा। अधिकारियों ने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट मिलने पर ठेकेदार काम तो शुरू कर देते हैं, लेकिन यातायात विभाग या संबंधित जोन के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं देते हैं। जब मन चाहे रास्ते पर आवाजाही बंद करके ठेकेदार काम शुरू कर देते हैं।
यह भी पढे़ें:- नागपुर शहर में नहीं रुक रहे एक्सीडेंट, सड़क दुर्घटनाओं में 4 की मौत
इंस्पेक्टर संतोष वैरागड़े ने गड्ढों के कारण यातायात की समस्या होने की जानकारी दी। 1 अधिकारी ने एनसीसी कंपनी द्वारा उमरेड रोड पर चल रहे निर्माणकार्य के दौरान मनमानी के बारे में बताया। एसीपी जयेश भांडारकर ने बताया कि यदि कहीं कोई कंपनी काम कर रही है 2 चौराहे पहले ही नोटिफिकेशन के साथ नागरिकों को सूचना दी जानी चाहिए। साथ ही निर्माणस्थल पर बैरिकेडिंग और ब्लिंकर की व्यवस्था होनी चाहिए।
एसीपी सुधीर नंदनवार ने फ्लाईओवर और सीमेंट रोड के साथ ही ओसीडब्ल्यू और फाइबर केबल डालने वाली कंपनी द्वारा ही काम करने के कारण हो रही दिक्कतें उजागर कीं। मानेवाड़ा बेसा रोड पर सड़क निर्माणकार्य में सुरक्षा उपाय योजना न होने की जानकारी दी गई। इसपर सीपी ने संबंधित विभाग के अधिकारी और ठेकेदारों से जवाब तलब किया। ठेकेदारों ने बताया कि बारिश के कारण कुछ काम अटके हुए हैं। इस पर सीपी ने कहा कि निर्माणकार्य के दौरान बारिश होगी यह आप लोग पहले से जानते थे। इसी हिसाब से निर्णय लेने चाहिए थे। 24 घंटे के भीतर सभी जगहों पर रोड समतल करने के साथ ही जहां-जहां बड़े गड्ढे खोदे गए हैं, उन पर मुंबई की तर्ज पर लोहे की शीट लगाकर यातायात सुचारू रखने को कहा।
यह भी पढे़ें:- नागपुर हिट एंड रन मामला: आरोपी महिला ने किया सरेंडर, हादसे में गई थी दो लोगों की जान
सीपी ने ठेकेदारों से कहा कि यदि उनकी कुछ परेशानी है या विभाग की तरफ से कोई सहयोग चाहिए तो अधिकारियों से मिलकर समन्वय करें। सिटी में इस वर्ष 228 लोगों की जान जा चुकी है। अब और लाशें न उठें। किसी निर्दोष व्यक्ति की जान जाने पर परिवार पर क्या बीतती है यह सोचें। आपका परिवार और बच्चे भी रास्तों पर निकलते हैं। यह सोचकर काम करें। काम इतना अच्छा होना चाहिए कि आप अभिमान से कहें कि सड़क मैंने बनाई है। पैसा कमाने के साथ-साथ यह आपकी सामाजिक जिम्मेदारी बनती है कि शहर में इन कामों के कारण कोई हादसा न हो। उन्होंने सभी जगहों पर बैरिकेडिंग, ब्लिंकर, कैट आई और सुरक्षा रक्षक तैनात करने के निर्देश दिए। इस बैठक में एक बड़ा खुलासा हुआ।
अंबाझरी तालाब के पास पुल को लेकर डीसीपी सातव ने बताया कि पहले हाई कोर्ट को 15 तक काम पूरा होने का एफिडेविट दिया गया था। बाद में 30 अगस्त का समय बताया गया। उन्होंने ठेकेदार से समय पर काम करने को कहा। इस पर कांट्रैक्टर ने खुलासा किया कि 30 सितंबर के पहले काम पूरा होने संभव नहीं है। सीपी ने ठेकेदार से सवाल किया कि आपने उच्च न्यायालय में गलत एफिडेविट क्यों दिया। इस पर ठेकेदार का कहना था कि एफिडेविट हमने नहीं पीडब्ल्यूडी ने दिया है। इससे साफ है कि सितंबर महीने तक तो नागरिकों को परेशानी उठानी ही पड़ेगी। डीसीपी अर्चित चांडक ने शहर में होने वाले एक्सीडेंट और उनपर की गई उपाय योजनाओं की जानकारी दी।