संदर्भ-समृद्ध ग्रंथ माला के द्वितीय ग्रंथ का विमोचन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Legislative Council: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए प्रबोधन, प्रशिक्षण और संशोधन ये तीन मूल सूत्र अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रकुल संसदीय अभ्यास मंडल के माध्यम से राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी प्रशिक्षण के लिए आते हैं, जहां उन्हें कानून निर्माण की प्रक्रिया और संसदीय पद्धति के अध्ययन का अवसर मिलता है। ऐसे प्रशिक्षण और प्रबोधन से ही लोकतंत्र सशक्त होता है।
विधान परिषद द्वारा संमत महत्वपूर्ण विधेयकों, प्रस्तावों और नीतिगत विषयों पर आधारित वि. स. पागे संसदीय प्रशिक्षण केंद्र द्वारा प्रकाशित की जा रही संदर्भ-समृद्ध ग्रंथ माला के द्वितीय ग्रंथ का विमोचन विधान परिषद सभागृह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हाथों किया गया। इस अवसर पर विधान परिषद सभापति प्रा. राम शिंदे, विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल और उपसभापति डॉ. नीलम गोरहे उपस्थित थे।
गडकरी ने कहा कि राज्य के विकास के लिए आवश्यक कौशल का निर्माण चर्चाओं के माध्यम से इसी सभागृह में होता है। विधान परिषद में कानून निर्माण पर गहन चर्चा होती है। विभिन्न मुद्दों पर नियमों को लेकर संघर्ष भी हुआ, लेकिन व्यक्तिगत संबंधों में कभी कटुता नहीं आई। यही लोकतंत्र की समृद्ध परंपरा है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी आज विधान भवन, नागपूर येथे ‘विधानपरिषदेने संमत केलेली महत्त्वपूर्ण विधेयके, ठराव आणि धोरणे’ या द्वितीय ग्रंथाच्या प्रकाशन समारंभामध्ये, ग्रंथाच्या संपादनासाठी योगदान देणाऱ्या संपादकांचा सत्कार केला. यावेळी सत्कार करण्यात आलेले ग्रंथाचे संपादक… pic.twitter.com/tRhRPlBrWx — CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) December 13, 2025
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कानून निर्माण की प्रक्रिया में सभागृह में होने वाली चर्चा अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। चर्चा से बने कानूनों में जनभावनाओं का प्रतिबिंब दिखाई देता है और ऐसे कानून जनकल्याण के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भी विधान परिषद के सदस्य रहे हैं और इस सभागृह ने देश को अनेक बुद्धिमान व अनुभवी सदस्य दिए हैं, जिनके अनुभव से कानून निर्माण की प्रक्रिया समृद्ध होती है। भारत की लोकतांत्रिक परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है, लेकिन रिकॉर्ड के अभाव में संदर्भ उपलब्ध नहीं हो पाते। इसलिए इतिहास का संकलन आवश्यक है।
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विधान परिषद सभापति प्रा. राम शिंदे ने कहा कि देश में द्विसदनीय व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसके कारण प्रभावी कानून बनाना संभव हुआ है। राज्य के विविध मुद्दों पर होने वाली चर्चा विकास के लिए पोषक होती है। ग्रंथ संपादन कार्य में सहयोग देने वाले पत्रकार योगेश त्रिवेदी, विलास मुकादम और किशोर आपटे का सत्कार किया गया। आभार विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर ने माना। कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क अधिकारी निलेश मदाने ने किया। कार्यक्रम में मंत्री, विधिमंडल सदस्य, अधिकारी और संसदीय अभ्यास वर्ग के विद्यार्थी उपस्थित थे।