देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur News: हाल के वर्षों में सबसे व्यापक प्रशासनिक कार्यों में से एक के तहत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजित पवार और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले 2 और 3 अगस्त को सभी 36 जिलाधिकारियों और 6 संभागीय आयुक्तों, मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
बैठकें आईआईएम नागपुर परिसर में होंगी और इनमें प्रधानमंत्री के शासन मॉडल का पालन किया जाएगा जहां अधिकारी दिनभर छोटे-छोटे समूहों में मंत्रियों के साथ बातचीत करते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह प्रारूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली में आयोजित की जाने वाली समीक्षा बैठकों से 7-8 से प्रेरित है।
जिलाधिकारी के समूह सीधे सीएम फडणवीस से मिलेंगे, जबकि अन्य समूह एक साथ उपमुख्यमंत्रियों और राजस्व मंत्री से मिलेंगे। ये समूह दिनभर घूमते रहेंगे, ताकि सभी शीर्ष अधिकारी और मंत्री एक दूसरे के साथ केंद्रित चर्चाओं में शामिल हो सकें। यह प्रमुख प्रशासनिक बैठक नागपुर जिले में 1 से 7 अगस्त तक मनाए जा रहे राजस्व सप्ताह के हिस्से के रूप में हो रही है।
जिलाधिकारी विपिन इटनकर ने बताया कि राजस्व विभाग इस सप्ताह के दौरान कई गतिविधियां आयोजित करेगा। यह अभियान 1 अगस्त से नियोजन भवन में शुरू हुआ। इसमें सेवानिवृत्त और कार्यरत राजस्व अधिकारियों को पुरस्कार वितरित किए जा रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग द्वारा विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और कार्यों के प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। इस वर्ष चर्चा है कि लोक निर्माण विभाग-1 के कार्यपालक अभियंता ने 10 लाख रुपये से कम लागत के छोटे कार्यों को न लेकर सभी कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। शीतकालीन सत्र 8 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है।
इसके लिए विधानभवन, रविभवन, नागभवन, विधायक निवास, 160 गाले, पुराने और नए हैदराबाद हाउस में मरम्मत के साथ-साथ रंगरोगन का काम किया जाएगा। इसी प्रकार सड़क निर्माण के कार्य भी किए जाएंगे। कहां कितना और किस प्रकार के कार्य की आवश्यकता है, इसकी जानकारी मांगी गई है। सभी द्वारा कार्यों की जानकारी कार्यपालक अभियंता कार्यालय को भेज दी गई है। रंगरोगन और मरम्मत पर जोर दिया गया है।
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कुछ ने सड़क निर्माण के कार्य भी प्रस्तावित किए हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लागत का प्रस्ताव लगभग 90 करोड़ रुपये होने की संभावना है। चर्चा है कि इस वर्ष छोटे-छोटे कार्यों के बजाय 2-4 कार्यों को मिलाकर सभी के लिए टेंडर प्रक्रिया लागू करने का निर्णय अधिशासी अभियंता विभाग-1 कार्यालय द्वारा लिया गया है।
विधानभवन, मुख्य अभियंता कार्यालय में घास काटने पर लाखों रुपये खर्च किए गए। आरोप है कि उद्यान विभाग के कार्यों को निर्माण विभाग का दिखाकर खर्च किया गया, इसलिए इस मामले में जांच की बात हो रही है। पीडब्ल्यूडी के बड़ी संख्या में बिल लंबित हैं। बताया जा रहा है कि धन की कमी के कारण बिल स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं।