नागपुर क्राइम (डिजाइन फोटो)
Nagpur News: नागपुर शहर में एक बार फिर अपराधी अपने दुश्मनों का गेम करने के लिए तरह-तरह की तैयारी कर रहे हैं। एक-दूसरे के दुश्मनों को इकट्ठा करके गैंग बनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे ही 2 अपराधियों ने अपने दुश्मन का गेम करने के लिए बाहर से पिस्तौल मंगवाई थीं। वाड़ी पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ।
पिछले दिनों वाड़ी पुलिस ने 2 अपराधियों को पिस्तौल और कारतूसों के साथ दबोचा था। पकड़े गए आरोपियों में धामना निवासी अल्केश गजभिये और जूनी शुक्रवारी निवासी पियूष मालवंडे का समावेश है। पियूष शहर का मांडवली बादशाह माने जाने वाले सुभाष शाहू के हत्यारे महेश उर्फ गमछू लांबट की हत्या का मुख्य आरोपी है। पियूष और अल्केश से वाड़ी पुलिस ने 2 पिस्तौल और कारतूस जब्त की थी।
एक पिस्तौल तो बिल्कुल इंपोर्टेड हथियार की तरह है। हथियारों के बारे में बारीकी से पूछताछ करने पर पता चला कि पियूष को दक्षिण नागपुर के 2 अपराधियों ने सुपारी दी थी। ये दोनों अपराधी पिछले थर्टी फर्स्ट को 500 ग्राम ड्रग्स के साथ पकड़े गए थे। इन दोनों की पिछले कुछ समय से दक्षिण नागपुर में ही चर्चित रहे अपराधी के साथ दुश्मनी चल रही है।
पहले तो सभी के आपस में भाईचारा था लेकिन ड्रग्स और गौ तस्करी के धंधे का विरोध करने पर दोनों अपराधी उसके दुश्मन बन गए। आमने-सामने तो उनका विवाद नहीं हुआ लेकिन अंदरूनी रंजिश अब इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि दोनों तरफ से कुछ भी हो सकता है। हालाकि पुलिस विभाग भी इस युद्ध से अवगत है। पियूष ने अपने बयान में बताया कि दोनों अपराधियों ने ही उसे पिस्तौल खरीदने के लिए पैसे दिए थे।
इस पिस्तौल से ही दुश्मन का गेम करना था लेकिन इसके पहले ही पुलिस को सूचना मिल गई और दोनों पकड़े गए। पुलिस को पियूष और दोनों अपराधियों के बीच हुए लेन-देन का रिकॉर्ड भी मिल गया है। इसीलिए पुलिस ने दोनों अपराधियों को आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया है। पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है। वाड़ी पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच भी इन दोनों अपराधियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। ड्रग्स तस्करी के मामले में दोनों जेल से जमानत पर बाहर आए हैं।
ड्रग्स के धंधे में भी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। हाल ही में एनडीपीएस सेल द्वारा संकेत नामक एक युवक को कोतवाली थाना क्षेत्र में 52 ग्राम एमडी के साथ पकड़ा गया था। यह माल असल में प्रवीण और उसके भाई आलू का था। संकेत काम करता है गंगा नामक ड्रग पेडलर के लिए। गंगा किसी समय आलू और प्रवीण का खास नंबरकारी हुआ करता था। सभी ने अपना-अपना ड्रग्स का चैनल शुरू किया।
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प्रवीण और आलू नाम नागपुर शहर के सबसे बड़े पेडलरों में आता है लेकिन दोनों इतनी चालाकी से काम करते हैं कि पुलिस के जाल में नहीं फंसते। ऐसे में गंगा ने भी अपना अलग नेटवर्क बना लिया। उसके बढ़ते नेटवर्क से दोनों भाइयों को परेशानी होने लगी। संकेत के पकड़े जाने के बाद गंगा को जानकारी मिली कि प्रवीण और आलू ने ही उसके माल की टिप दी। अपने ऊपर गाज गिरती देख गंगा ने गेम खेला।
संकेत ने गंगा की जगह प्रवीण और आलू द्वारा माल सप्लाई किए जाने की जानकारी दी लेकिन पुलिस दोनों को पकड़ पाती। इसके पहले ही न्यायालय से एंटीसिपेटरी बेल मिल गई। अब गंगा और दोनों भाइयों के बीच ठनी हुई है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है। हाल ही में एमपीडीए से छूटे ड्रग पेडलर मृणाल गजभिये का स्वागत करने आलू अपने लश्कर के साथ जेल गया था। बताया जाता है कि सभी को माल सप्लाई करने वाला मुंबई का ही ड्रग पेडलर है।