नागपुर से रवाना हुआ बाघ-बाघिन का जोड़ा। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में बाघों की एक जोड़ी पहुंच गई है। यह जोड़ी नागपुर के गोरवाड़ा ज़ू से पहुंची है। नागपुर से रवाना हुए बाघ-बाघिन का जोड़ा जमशेदपुर के टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में सही सलामत पहुंचा। प्राणी संग्रहालय प्रबंधन ने बताया कि नागपुर से बाघ-बाघिन का जोड़ा जमशेदपुर प्राणी संग्रहालय के लिए मंगाया गया है। भारतीय प्राणी संग्रहालय अथॉरिटी से इजाजत मिलने के बाद नागपुर प्राणी संग्रहालय से बाघ जमशेदपुर चिड़ियाघर लाया गया है।
जमशेदपुर के बिस्टुपुर स्थित टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में नागपुर से दो नए मेहमान को कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया है। ये दो नए मेहमान रॉयल बंगाल टाइगर हैं, जिनमें एक नर और दूसरा मादा है। बता दें कि टाटा जूलॉजिकल पार्क गैर सरकारी चिड़ियाघर है। यहां कई तरह की अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं को रखा गया है, जिनकी देखभाल टाटा प्राणी संग्रहालय प्रबंधन द्वारा की जाती है। पशुओं के डॉक्टर भी प्राणी संग्रहालय में मौजूद हैं।
वर्तमान में टाटा जूलॉजिकल पार्क में दो मादा बाघिन हैं। बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए टाटा प्राणी संग्रहालय प्रबंधन ने नागपुर के गोड़ेवाड़ा प्राणी संग्रहालय प्रबंधन से बाघ देने की अपील की थी। इधर केंद्रीय प्राणी संग्रहालय अथॉरिटी से अनुमति मिलने के बाद दो बाघ का जोड़ा जमशेदपुर प्राणी संग्रहालय को मिला है। इसके बदले टाटा प्राणी संग्रहालय ने नागपुर प्राणी संग्रहालय को अफ्रीकन ग्रे तोता का एक जोड़ा भेजा है। टाटा प्राणी संग्रहालय में नागपुर प्राणी संग्रहालय से एनिमल एक्सचेंज ऑफर के तहत दो बंगाल टाइगर को टाटा प्राणी संग्रहालय लाया गया है।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
नागपुर से आने के बाद दोनों रॉयल टाइगर बाघ-बाघिन को प्राणी संग्रहालय के कोरेंटाइन सेंटर में रखा गया है। टाटा जूलॉजिकल पार्क के डायरेक्टर नईम अख्तर ने बताया कि इससे पहले भी एक लेपर्ड यहां लाया गया था। अब एक नर और एक मादा बंगाल टाइगर लाया गया है। उन्होंने बताया कि टाटा प्राणी संग्रहालय में पूर्व से दो मादा टाइगर हैं।
नागपुर से रॉयल टाइगर आने से टाटा प्राणी संग्रहालय की दो बाघिन सुनैना और सलोनी को नया साथी मिलेगा। मकसद है कि ब्रीड करवा कर इन टाइगर की संख्या में इजाफा करवाया जाए। कोरेंटाइन में कुछ दिन रखने के बाद उन्हें प्राणी संग्रहालय के बाड़े में छोड़ा जाएगा और सैलानी उन्हें देख सकेंगे।