एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन में आंदोलको ने व्यक्त किया आक्रोश। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: दीर्घ सेवा के बाद विभिन्न केंद्रीय सरकारी कार्यालयों से सेवानिवृत्त हुए केंद्रीय कर्मचारियों की समस्याओं और सुविधाओं के प्रति मोदी सरकार की अनदेखी से नाराज केंद्रीय पेंशनरों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए सोमवार को नागपुर के वाड़ी में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया। गवर्नमेंट पेंशनर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित यह एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन वीणा नगर स्थित महात्मा गांधी पार्क में किया गया।
इस आंदोलन का मार्गदर्शन करने के लिए नागपुर जिला केंद्रीय एवं राज्य सरकारी पेंशनर्स एसोसिएशन के सचिव एस.के. कोंगे और सरकारी पेंशनर्स एसोसिएशन के वार्ड अध्यक्ष एन.एन. मिश्रा उपस्थित थे। संगठन के अतिरिक्त सचिव डी.डी. गजभिये ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनरों की समस्याओं के प्रति केंद्र की मोदी सरकार की पूर्ण उदासीनता के कारण संयुक्त संगठन के आह्वान पर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित धरना प्रदर्शन के समर्थन में आज वाड़ी में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रमुख संरक्षक एस.के. कोंगे ने कहा कि सरकार बार-बार कहती है कि केंद्रीय कर्मचारी पेंशनर्स संघों और संगठनों की मांगों पर ध्यान नहीं देती है। सरकार के पास उद्योगपतियों के ऋण माफ करने के लिए पैसा है, और बहुत सारा पैसा बर्बाद हो जाता है। लेकिन उनके पास अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए पैसा नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार पेंशनभोगियों पर अधिक ध्यान नहीं देगी तो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
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संगठन के अध्यक्ष एन.एम. मिश्रा ने कहा कि आठवें वेतन आयोग का गठन नहीं हुआ है, केंद्र सरकार पेंशनरों को 18 महीने का डीए भुगतान भी नहीं दे रही है, वेतन में 50 प्रतिशत डीए शामिल नहीं है, पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं की जा रही है, कोरोना काल में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधा केंद्र सरकार ने शुरू की है, उसमें भी केंद्र सरकार रुचि नहीं दिखा रही है। पेंशनभोगी नशे की लत की समस्या से ग्रस्त हैं। केंद्र सरकार कर्मचारी विरोधी साबित हो रही है। इसलिए इस आंदोलन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। सचिव के.बी. इंगले ने भी समसामयिक विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर एसोसिएशन के सचिव के.बी. इंगले, उपाध्यक्ष एन.एम. लिमये, सहसचिव बी.आर. रिंके, सहसचिव व्ही.जी. बालपांडे, कोषाध्यक्ष एस.पी. गजभिये, सहाय्यक राजेंद्र दिवटे, बी.ए. भोस्कर, सुरेश काळबांडे, के.सी. डे, ए.व्ही. नाकतोडे, एस.व्ही. कोसे, बी.बी. निघोट, के.आर. सरागे, बी. लकडे आदि उपस्थित थे। एक दिवसीय इस विरोध प्रदर्शन में इन वरिष्ठ पेंशनभोगी प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया।
1 मई 2025 को एनपीएस और यूपीएस के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ज्ञापन दिल्ली के जंतर-मंतर पर सांसद शामकुमार बर्वे को सौंपा गया। इस संबंध में 16 मार्च 2025 को आयुध निर्माणी अंबाझरी नागपुर में कार्यरत कर्मचारियों ने उनसे इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने और सदन में इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध किया। इस अवसर पर एनएमओपीएस के राष्ट्रीय रक्षा संयोजक प्रेम सागर ने सांसदों के समक्ष एनएपी, एनपीएस और यूपीएस की तमाम कमियों को उजागर किया और बताया कि किस तरह सरकार पेंशन के नाम पर हमेशा देश की सेवा करने वाले कर्मचारियों को बेवकूफ बनाने का प्रयास कर रही है। उसके बाद रामटेक क्षेत्र के सांसद श्यामकुमार बर्वे ने पूरी तरह से स्वीकार किया कि एनपीएस और यूपीएस किसी भी तरह से कर्मचारियों के हित में नहीं हैं और कहा कि हम भी विरोध में शामिल होंगे और इस मुद्दे को सदन में भी उठाने का काम करेंगे।