खुले मेनहोल (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: नागपुर में खुले सार्वजनिक कुएं में गिरने के कारण मौत होने पर मां की ओर से मुआवजे के लिए गुहार लगाई गई। पहले तो मनपा के पास आवेदन किया गया किंतु बात नहीं बनने पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की गई। आशा भगत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सिटी में 10 हजार से अधिक मेनहोल खुले होने को लेकर समाचार पत्रों में छपी खबर पर हाई कोर्ट की ओर से स्वयं संज्ञान लिया गया।
हाई कोर्ट ने सिटी में इस तरह के कितने मेनहोल खुले हैं, जिसकी वजह से त्रासदी है, इनकी वास्तविकता उजागर करने के निर्देश अदालत मित्र को दिए थे। इस संबंध में बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत मित्र शिल्पा गिरटकर की ओर से हलफनामा दायर किया गया। इसमें बदहाल सड़कें और खुले मेनहोल के कारण सिटी में मौत का जाल फैला होने का आरोप लगाया गया।
सुनवाई के दौरान इसका जवाब दायर करने के लिए मनपा की ओर से समय मांगे जाने पर हाई कोर्ट ने समय प्रदान कर सुनवाई स्थगित कर दी। गत समय मनपा की ओर से दिए गए हलफनामा में बताया गया था कि सिटी में सीवरेज के कुल 1,53,633 मेनहोल हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 3,078 कवर बदले गए हैं।
हलफनामा में बताया गया कि गड्ढों की मरम्मत न करना केवल असुविधा नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा के संबंध में एक गंभीर और खतरनाक स्थिति है। सिटी में सड़कों का खराब रखरखाव और मानसून के दौरान लगातार नुकसान गड्ढों की संख्या में वृद्धि करता दिखाई दे रहा है जिससे दुर्घटनाएं, वाहनों का नुकसान और यहां तक कि जानलेवा हादसे होते हैं। सड़कों के बीचोबीच और यहां तक कि फुटपाथों पर भी बड़े-बड़े गड्ढे हैं।
विशेष रूप से मोटर साइकिल सवारों को गंभीर चोट या मौत का सामना करना पड़ता है जब वे अचानक इन गड्ढों में फंस जाते हैं। तेज गति से चलने वाले वाहन संतुलन खो देते हैं। परिणामस्वरूप घातक दुर्घटनाएं होती हैं। बरसात के मौसम में पानी से भरे गड्ढे इन खतरों को और बढ़ा देते हैं। हलफनामा के साथ अदालत मित्र ने सिटी के विभिन्न हिस्सों के फोटो भी प्रस्तुत किए।
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मनपा के दावे के अनुसार स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के तहत बनीं नालियों पर लगभग 95,571 कवर सभी 10 जोन में चिंता का विषय हैं। वित्तीय वर्ष 2025-2026 में 2,204 कवर बदले गए हैं। मनपा ने स्पष्ट किया कि एनआईटी, एनएमआरडीए, राज्य पीडब्ल्यूडी, सेंट्रल पीडब्ल्यूडी, बीएसएनएल, एमएसईडीसीएल, महा मेट्रो जैसे विभिन्न प्राधिकरण भी सड़कों के नीचे अपनी उपयोगिताओं के लिए खुदाई तो करते हैं किंतु ज्यों का त्यों छोड़ देते हैं। मनपा इन प्राधिकरणों द्वारा छोड़े गए खुले नालों को ढकने का काम करती है। मनपा ने कहा कि वह जनहित याचिका क्रमांक 1/2020 में न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों का पालन कर रही है।