नागपुर यूनिवर्सिटी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
RTMNU Exam Error: इन दिनों नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा शीत सत्र की परीक्षाएं ली जा रही हैं, लेकिन शुरुआत से ही गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। छात्रों का डेटा उपलब्ध नहीं होने से विषयों की सही जानकारी नहीं मिल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस साफ्टवेयर कंपनी को परीक्षा संबंधी ऑनलाइन कामकाज का ठेका दिया गया है उसके पास अनुभव की कमी है।
प्रभारी उपकुलपति द्वारा कंपनी के साथ जल्दबाजी में दिये गये करार को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विवि द्वारा इस वर्ष से नई साफ्टवेयर कपंनी को परीक्षा संबंधी कामकाज का ठेका दिया गया है। यह कंपनी इससे पहले तेलंगाना में काम करती थी। विवि द्वारा टेंडर जारी करते वक्त नियमों में बदलाव किया गया। इसके तहत 5 करोड़ वार्षिक टर्न ओवर को बढ़ाकर अचानक 25 करोड़ कर दिया गया।
साथ ही छात्रों की संख्या घटाकर 2 लाख कर दी गई। जबकि वर्षभर में करीब 4 लाख छात्रों की परीक्षा ली जाती है। नई कंपनी को ठेका देने के लिए उस वक्त बुलाई गई आपात प्रबंधन परिषद की बैठक में सदस्यों को पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई। तत्काल बैठक बुलाकर प्रभारी उपकुलपति ने जल्दबाजी में कंपनी को ठेका देने का निर्णय लिया।
हालांकि सदस्यों ने कंपनी के अनुभव, कामकाज और विश्वसनीयता को लेकर प्रश्न किये थे, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब विवि प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया। टेंडर में हिस्सा लेने वाली 3 कंपनियों में से संबंधित कंपनी को ढाई घंटे तक प्रेजेंटेशन देने का समय दिया गया। दूसरी कंपनी को महज 15 मिनट और तीसरी कंपनी को प्रेजेंटेशन के लिए समय ही नहीं दिया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साफ्टवेयर कंपनी इससे पहले तेलंगाना में जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी-काकीनाडा सहित तेलंगाना इंटर मीडियट बोर्ड के लिए कार्य करती थी। परिणाम में गड़बड़ी के बाद 2019 में कंपनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
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आरोप था कि कंपनी क्वालिटी कंटेंट देने में नाकाम रही। यह भी कहा गया था कि कंपनी को ऑनलाइन इवैल्यूएशन के लिए प्रोजेक्ट दिया गया था, जबकि कंपनी के पास पहले कोई अनुभव नहीं था। उस वक्त कंपनी का नाम कोई अन्य था। इसके पश्चात वहां की यूनिवर्सिटी ने कंपनी से करार रद्द कर दिया।
चर्चा है कि कंपनी के पास अधिक छात्रों की परीक्षा का अनुभव नहीं है। इसके बावजूद प्रभारी उपकुलपति के कार्यकाल में कंपनी को जल्दबाजी में ठेका दिया गया। यही वजह है कि इन दिनों विवि द्वारा ली जा रही परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। अभी शीत सत्र में यह हाल है तो फिर ग्रीष्म सत्र की नियमित परीक्षाओं में दिक्कतें बढ़ना स्वाभाविक है।