नितिन गडकरी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Garbage Collection Agency in Nagpur: नागपुर शहर में घरों से कचरा संकलन करने के लिए फिलहाल 2 एजेंसियां नियुक्त की गई हैं जिनमें से प्रत्येक को 5-5 जोन की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन इन एजेंसियों के कचरा संकलन को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं। इसे देखते हुए जोन स्तर पर कचरा संकलन एजेंसी नियुक्त की जाएगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा शुक्रवार को हुई बैठक में इस पर चर्चा की गई जिसके अनुसार अब आयुक्त द्वारा अगले 3-4 दिनों में एक रिपोर्ट तैयार होने की जानकारी विधायक प्रवीण दटके ने दी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर प्रन्यास, मनपा में रुके हुए प्रोजेक्ट, प्रगति पर चल रहे प्रोजेक्ट, शहर में डीजल बसों को बंद करने, घनकचरा प्रबंधन, भूखंडों को फ्रीहोल्ड करने, नाग नदी पुनरुद्धार परियोजना पर बैठक हुई। इसमें विधायक कृष्णा खोपड़े, विधायक प्रवीण दटके, विधायक परिणय फुके, पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी, जिलाधिकारी विपिन इटनकर, प्रन्यास सभापति संजय मीणा, आयुक्त अभिजीत चौधरी उपस्थित थे।
नाग नदी परियोजना से प्रभावित लोगों के लिए पूर्व नागपुर में मकान नाग नदी के किनारे कई जगहों पर अतिक्रमण है। कुछ लोगों के घर भी हैं। जिन लोगों के घर इस परियोजना से बाधित होंगे उनके लिए पूर्व नागपुर में स्मार्ट सिटी परियोजना में 4 एकड़ जमीन पर एक कॉम्प्लेक्स बनाने पर चर्चा हुई।
खोपड़े ने बताया कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इन नागरिकों को 500 फुट के घर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। नाग नदी परियोजना का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और आगे के काम के लिए जेआईसीए को प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही नाग नदी पर कामों के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
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प्रन्यास के 407 लेआउट में कोई विकास नहीं हुआ है। इससे नागरिकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। कई जगहों पर सड़कें तो हैं ही नहीं लेकिन नालियों और सीवेज लाइनों की समस्या है। इसके लिए प्रन्यास को सरकार से 500 करोड़ रुपये मांगकर विकास के लिए मनपा को देने के निर्देश गडकरी ने दिए हैं। इसके अलावा मनपा और प्रन्यास की लंबित योजनाओं पर राज्य सरकार के साथ जल्द ही मुंबई में एक बैठक होगी।
दटके ने कहा कि प्रन्यास और मनपा के भूखंडों को नजूल की तर्ज पर फ्रीहोल्ड करने का प्रस्ताव मुंबई भेजा गया है। इससे 70,000 भूखंड फ्रीहोल्ड हो जाएंगे और नागरिकों को राहत मिलेगी। वे इस जमीन के मालिक बन जाएंगे। इसके अलावा उन्हें टैक्स के साथ-साथ भू-भाटक भी नहीं देना पड़ेगा। अभी उन्हें 2 तरह से टैक्स देना पड़ता है। भूखंड फ्रीहोल्ड होने के बाद सिर्फ संपत्ति कर ही देना होगा।