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नागपुर. राज्य सरकार के बाद नागपुर महानगर पालिका ने भी तालाब में छठ पूजन को लेकर सख्ती से मनाही जारी कर दी. सोमवार को इस संदर्भ में मनपा द्वारा शुद्धिपत्रक जारी करके लोगों से घर में ही पूजन की अपील की गई. मंगलवार सूर्यास्त से 10 नवंबर सूर्योदय तक छठ पूजन चलेगा. उत्तर भारतीय सभा के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष उमाकांत अग्निहोत्री ने इस बारे में पालक मंत्री नितिन राऊत और शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार से मांग की है.
जिले में हर साल 17 झीलों पर छठ पूजा की जाती है. इनमें शहर में अंबाझरी, पुलिस लाइन तकली और गोरेवाड़ा झील शामिल हैं. अग्निहोत्री ने कहा कि शहर कई दिनों से छठ पूजा की तैयारी कर रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि वह सकारात्मक हैं और राज्य सरकार छठ पूजा की अनुमति देगी. इसलिए पूजा की तैयारी सुचारु रूप से चल रही है.
नवरात्रि, दिवाली पर भी कोरोना नियंत्रण में रहा. इसलिए छठ पूजा के लिए अनुमति मांगी गई थी. उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो मुख्यमंत्री से अनुरोध किया जाएगा. इस बीच महापौर दयाशंकर तिवारी ने मुख्यमंत्री से छठ पूजा को सरकार के आदेश से नागपुर को बाहर रखने की अपील की. अपर आयुक्त राम जोशी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का नागपुर में भी पालन किया जाएगा. नतीजा यह रहा कि शहर के तीनों तालाबों में कोई सुविधा नहीं मिल पायी.
छठ पूजन के लिए पूर्वी नागपुर में वठोडा में सिम्बायोसिस कॉलेज के पास एक कृत्रिम तालाब का निर्माण किया जा रहा है. विधायक कृष्णा खोपड़े ने इसका भूमि पूजन किया. इस अवसर पर उत्तर भारतीय समाज के सुधीर श्रीवास्तव, वैभव शर्मा, विजय गुप्ता, अशोक शर्मा, श्याम बहादुर, विनोद शर्मा, वकील शर्मा, रंजन माझी, सुमित शर्मा, त्रिलोकी मेंहतो, सुरेश शर्मा, डॉली सारस्वत, सुषमा श्रीवास्तव, आनद सक्सेना, एआरके सिंह, अवधेश गुप्ता, शर्मा परिवार समेत अनेक लोगों की उपस्थिति रही.