रितु मालू को कोर्ट में पेश किया गया (फाइल फोटो)
नागपुर: नागपुर के बहुचर्चित रामझूला हिट एंड रन मामले में लगातार अदालतों से राहत ठुकराए जाने के बावजूद गत माह फिर से रितु मालू द्वारा जमानत के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई। हालांकि इसमें अभी राहत मिलना बाकी है किंतु जिस तरह से इस मामले की सीआईडी जांच के लिए शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था उसी तरह से अब इस जमानत की अर्जी में भी शिकायतकर्ता ने अभियोजन पक्ष की मदद के लिए अर्जी दायर की है जिस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकृत कर लिया।
यहां तक कि अभियोजन पक्ष के सहयोग के लिए वकील की नियुक्ति करने का अनुरोध भी स्वीकार कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि दीपावली के ठीक पूर्व हाई कोर्ट में छुट्टियां लगने से पहले जमानत की अर्जी दायर की गई थी जिस पर अवकाशकालीन न्यायाधीश ने सुनवाई तो की किंतु कोई आदेश जारी नहीं किया।
महाराष्ट्र की ताजा खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पूर्व नियमों के अनुसार रितु द्वारा जिला सत्र न्यायालय में भी जमानत के लिए अर्जी दायर की गई थी जिस पर हुई सुनवाई के बाद जिला सत्र न्यायालय ने किसी भी तरह से राहत देने से इनकार कर अर्जी ठुकरा दी थी। सत्र न्यायालय में 13 वर्षीय बेटी के स्वास्थ्य को आधार बनाकर बचाव पक्ष ने न्यायालय से जमानत मांगी थी। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश आरएस पाटिल-भोसले ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि बेटी की देखभाल करने के लिए परिजन हैं।
ज्ञात हो कि रितु ने शराब के नशे में अपनी कार से रामझूला पर दोपहिया वाहन पर सवार युवकों को उड़ा दिया था। इस हादसे में दोनों युवकों की मौत हो गई। लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आखिर प्रकरण की जांच सीआईडी को सौंपी गई। सीआईडी को रितु की कस्टडी भी मिली और अब वह जेल की हवा खा रही है। मालू के वकील द्वारा सत्र न्यायालय को बताया गया था कि प्रकरण की जांच पूरी हो चुकी है, इसीलिए उसे जमानत मिलनी चाहिए।
नागपु की खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
रितु की 13 वर्षीय बेटी मिर्गी की बीमारी से ग्रस्त है। उसके उपचार के दस्तावेज भी न्यायालय के समक्ष रखे गए। बच्ची की देखभाल के लिए मां का घर पर होना जरूरी है। सरकारी पक्ष का मानना था कि यह एक गंभीर अपराध है। सीआईडी अब भी प्रकरण की जांच कर रही है। रितु ने जांच में सहयोग नहीं किया है। वह लंबे समय तक फरार थी। जमानत मिलने से वह दोबारा फरार हो सकती है और जांच प्रभावित हो सकती है।