‘नवसखी उद्योगिनी योजना’ का भव्य शुभारंभ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि नारी शक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए ‘उमेद’ जैसी संस्था की स्थापना की गई है। ‘उमेद’ के माध्यम से शहरी क्षेत्रों सहित हर गांव और कस्बे की महिलाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। जिले के 8,000 स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से 80,000 महिलाओं को सशक्त बनाया जाएगा।
वे जिला खनिज प्रतिष्ठान और जिला परिषद की ओर से आयोजित ‘नवसखी उद्योगिनी योजना’ के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे। कोराडी स्थित महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य के वित्त राज्यमंत्री आशीष जयस्वाल, सांसद श्यामकुमार बर्वे, विधायक चरणसिंह ठाकुर, विधायक आशीष देशमुख, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनी तथा पूर्व विधायक टेकचंद सावरकर उपस्थित थे।
मंत्री बावनकुले ने कहा कि ‘नवसखी उद्योगिनी योजना’ कोई ऋण योजना नहीं है। पहले जिला खनिज प्रतिष्ठान का फंड सड़कों, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए उपयोग किया जाता था। अब इसमें महिलाओं के रोजगार सृजन को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा, “आने वाले पांच वर्षों में हम चरणबद्ध तरीके से 80 हजार महिलाओं को सशक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं। वर्तमान में हम लगभग 1,600 स्वयं सहायता समूहों की 16 हजार महिलाओं को सशक्त बना रहे हैं। प्रत्येक समूह को उनके व्यवसाय के लिए एक लाख रुपये की बीज पूंजी प्रदान की जा रही है।”
कोराडी, नागपूर येथील श्री महालक्ष्मी जगदंबा माता मंदिर परिसरात उमेद – महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नती अभियानांतर्गत जिल्हा ग्रामीण विकास यंत्रणा अभियान, जिल्हा परिषद, नागपूर व जिल्हा खनिज प्रतिष्ठान, नागपूर यांच्या संयुक्त विद्यमाने आयोजित कार्यक्रमात नवसखी उद्योगिनी योजनेचे… pic.twitter.com/uUtWOeqDFk — Chandrashekhar Bawankule (@cbawankule) October 30, 2025
बावनकुले ने कहा कि यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वाकांक्षी पहल है। इससे महिला उद्यमिता का एक नया मानक स्थापित होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये 80 हजार महिलाएं अपने सफल व्यवसायों के माध्यम से अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगी। साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को निर्देश दिया कि इस योजना को किसी भी परिस्थिति में राजनीतिक रंग न दिया जाए।
वित्त राज्यमंत्री आशीष जयस्वाल ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में माइक्रोफाइनेंस की जटिल प्रक्रिया एक बड़ी बाधा रही है। इसके कारण कई महिलाएं पात्रता मानदंड पूरे न कर पाने के चलते अपने व्यवसाय को आकार नहीं दे पाती थीं।
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उन्होंने कहा, “नवसखी उद्योगिनी योजना के माध्यम से यह बाधा दूर हो रही है और महिलाओं के लिए प्रगति का नया द्वार खुल गया है।” उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे इस योजना से प्राप्त फंड का उपयोग समझदारी से करें और इसे 1 लाख से 2 लाख, तथा 2 लाख से 4 लाख में बदलने का लक्ष्य रखें। कार्यक्रम का संचालन और प्रस्तुति जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनी ने की।