नागपुर की सड़क पर ट्रैफिक जाम का दृश्य (फोटो नवभारत)
Nagpur Traffic Rule News: नागपुर शहर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम, अव्यवस्था और दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण सिर्फ बढ़ते वाहन नहीं बल्कि नियमों को धता बताते ऑटो चालक और निजी ट्रैवल्स बसों की मनमानी भी है। हाल ही में शहर पुलिस ने ट्रैवल्स बसों पर शिकंजा कसते हुए इनर रिंग रोड पर पिकअप और ड्रॉप प्वाइंट पर रोक लगा दी। इसके बाद अब शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सबसे बड़ी चुनौती ऑटो चालकों की लापरवाही और दबंगई को माना जा रहा है।
शहर के झांसी रानी चौक, सीताबर्डी, गिट्टीखदान, बजाजनगर, गणेशपेठ एसटी स्टैंड, मेयो और मेडिकल हॉस्पिटल, अजनी रेलवे स्टेशन, छत्रपति चौक, बर्डी और रेलवे स्टेशन परिसर जैसे प्रमुख स्थानों पर ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त रहती है। यहां ऑटो चालक अपनी मनमानी पार्किंग करते हैं। बीच सड़क पर यात्रियों को उतारते-बिठाते हैं।
कई बार बिना सिग्नल देखे रास्ता काटकर दुर्घटनाओं को न्योता देते हैं। ‘कैच मी इफ यू कैन’ की तर्ज पर ये चालक ट्रैफिक पुलिस को सीधी चुनौती देते हुए भाग निकलते हैं। इनके खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई शुरू होती है तो ये पुलिस को घेरकर दबाव बनाने की कोशिश भी करते हैं।
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शहर के सामाजिक संगठनों और नागरिकों का कहना है कि पुलिस आयुक्त डॉ. सिंगल और डीसीपी मतानी जिस तरह बिना दबाव के ट्रैफिक सुधार की दिशा में काम कर रहे हैं। उससे यह विश्वास बढ़ा है कि जल्द ही ऑटो चालकों की मनमानी पर भी लगाम कसी जाएगी। हालांकि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करना आसान काम नहीं है लेकिन पुलिस की सख्ती, प्रशासन का समर्थन और जनता का सहयोग मिलकर इस चुनौती को हल कर सकते हैं। प्राइवेट बसों के बाद अब बारी ऑटो चालकों की है। नियमों को धता बताने वाले इन चालकों के लिए अब ‘कैच मी इफ यू कैन’ वाला खेल ज्यादा दिन नहीं चलेगा।