घरों के सामने जमा हो रहा गंदा पानी (फोटो नवभारत)
Nagpur News: नागपुर महानगरपालिका वार्षिक संपत्ति कर वसूलते समय उसमें 12 प्रतिशत सीवेज कर भी वसूलता है। इससे शहर में सीवेज लाइनों की सफाई, निर्माण आदि कार्य अपेक्षित हैं। लेकिन शहर के सभी दस जोनों में हर गली-मोहल्ले में सीवेज लाइनें जाम या लीक होने की बड़ी शिकायतें आ रही हैं। पिछले चार वर्षों में महानगरपालिका ने नागरिकों से 1,039 करोड़ का संपत्ति कर वसूला। इसमें से चार वर्षों में 124.67 करोड़ का सीवेज कर भी वसूला गया। लेकिन, पिछले चार वर्षों से नागरिक जाम सीवेज लाइनों से परेशान हैं।
नागपुरवासी इस बात पर रोष व्यक्त करते नजर आ रहे हैं कि सीवेज कर वसूलने के बाद भी सुविधाएं न देकर मनपा उनके साथ धोखा कर रही है। महानगरपालिका में मार्च 2022 से प्रशासक राज है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में नागरिकों की समस्याओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
शहर में बड़े पैमाने पर विकास कार्य चल रहे हैं। लेकिन, नागरिकों को इससे होने वाली परेशानी से बचाने के लिए कहीं कोई उपाय योजना नहीं है। कभी सीवेज लाइनें जाम हो रही हैं तो कभी इस विकास कार्य के कारण क्षतिग्रस्त हो रही हैं। बस्तियों में सीवेज लाइनों के जाम होने के मामले बढ़ गए हैं।
सड़कों पर सीवेज का गंदा पानी आ रहा है या नागरिकों के घरों में पानी जमा हो रहा है। यह मामला हाल ही में हुई बारिश में सामने आया। कई बार जोनों में शिकायत करने के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। नागरिकों को अक्सर एक ही शिकायत के लिए मनपा के जोन कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
मनपा संपत्ति कर वसूलते समय कोई रियायत नहीं देता है। समय पर कर का भुगतान नहीं करने पर जुर्माना भी लगाया जाता है। टैक्स चुकाने के बाद भी अच्छी सुविधाएं नहीं मिलने से नागरिकों द्वारा रोष जताया जा रहा है।
नागपुर निवासियों ने वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में 1,039 करोड़ रुपये का संपत्ति कर चुकाया। 12 प्रतिशत सीवेज कर के रूप में 124।67 करोड़ रुपये भरे है। दिलचस्प बात यह है कि यह राशि कुल टैक्स में सर्वाधिक है। पूर्व नगरसेवक मनोज सांगोले ने बताया कि इसके बाद भी सीवेज लाइन की अनदेखी की जा रही है और टैक्स से वसूला पैसा अनावश्यक चीजों पर खर्च किया जा रहा है।
वर्ष | संपत्ति कर (करोड़ रुपये) | मलजल कर (करोड़ रुपये) |
---|---|---|
2021-22 | 212.18 | 25.45 |
2022-23 | 234.25 | 28.10 |
2023-24 | 302.84 | 36.32 |
2024-25 | 290.00 | 34.80 |
जनसंख्या वृद्धि के प्रति जागरूकता के बावजूद, नई सीवेज लाइन के निर्माण की लगातार अनदेखी की गई। इसके कारण बस्तियों में पुरानी सीवेज लाइन सीवेज से ओवरलोड हो जा रही है। ये सीवेज लाइनें लगातार जाम रहती हैं। इनकी अस्थायी रूप से मनम्मत की जाती है। लेकिन मानसून के दौरान, यह जर्जर सीवेज लाइन फिर से लीक हो जाती है।
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पिछले एक सप्ताह में हुई बारिश के कारण, जाम हुई सीवेज लाइन में सीवेज का प्रवाह कई जगहों पर रुक सा गया है। कई जगहों पर सीवेज बाहर आ रहा है। जर्जर सीवेज लाइन लीक होने की घटनाएं पहले भी धरमपेठ में सबसे ज्यादा हुई हैं।
तीन साल पहले अलंकार टॉकीज चौक पर सड़क धंस गई थी। उससे पहले, आईएमए सभागृह के सामने और अलंकार टॉकीज के पास एक हाई स्कूल के पास भी लीक हुआ था। धंतोली, मस्कासाथ, इतवारी में भी सीवेज लाइनें जाम हो गईं। ये बड़ी सीवेज लाइनें हैं। लेकिन, छोटी सीवेज लाइनों के जाम होने की समस्या बनी हुई है और इसे गंभीरता से न लिए जाने के कारण नागरिकों में रोष व्याप्त है।