परिवहन मंत्री प्रतापराव सरनाईक की घोषणा (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur school van accident: नागपुर शहर के मानकापुर फ्लाईओवर पर हाल ही में हुए स्कूल बस और स्कूल वैन के भीषण हादसे के संबंध में गुरुवार को परिवहन मंत्री प्रतापराव सरनाईक ने संबंधित आरटीओ को निलंबित करने की घोषणा की। यह मामला विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से विधायक नितिन राऊत द्वारा उठाया गया।
उन्होंने छात्रों की असुरक्षित परिवहन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए, इस दुर्घटना में भवंस बीपी विद्या मंदिर कोराडी की 14 वर्षीय छात्रा सानवी देवेंद्र खोबरागड़े का निधन हो गया था। स्कूल वैन और बस की टक्कर में एक ड्राइवर की भी मौके पर ही मौत हो गई थी।
विधायक प्रवीण दटके ने भी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए, सदस्यों ने सदन को बताया कि यह दुर्घटना इसलिए हुई क्योंकि स्कूल वैन (क्रमांक एमएस 31 ईएम 36) का चालक तेज गति से गाड़ी चला रहा था जिससे उसका नियंत्रण खो गया और वह स्कूल बस (एमएस 31 एफसी 1913) से जा टकराया।
छात्रा सानवी जिस वैन में सवार थी उसमें 4 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के कुल 9 विद्यार्थी थे। सबसे गंभीर तथ्य यह है कि दुर्घटनाग्रस्त स्कूल वैन के पास 2021 से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं था और उसमें गति नियंत्रक भी नहीं लगाया गया था। यह हादसा उस पुल पर हुआ जहां काम चल रहा था।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि नागपुर शहर, नागपुर ग्रामीण और पूर्व नागपुर में 3 आरटीओ होने के बावजूद छात्र असुरक्षित है। उनका कहना था कि छात्रों के सुरक्षित यातायात के लिए विशिष्ट नियमावली (रंग, आसन क्षमता और वेग मर्यादा। होने के बावजूद, आरटीओ अधिकारी गंभीर नहीं है।
आरटीओ के आंकड़ों के अनुसार, नागपुर में 3993 स्कूल बस/वैन पंजीकृत हैं। इनमें से 3508 वाहनों को योग्यता प्रमाणपत्र (फिटनेस सर्टिफिकेट) प्राप्त है, जबकि लगभग 8 से 10 प्रतिशत वाहनों को अभी भी यह प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है। सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि वाहन चालक का फिटनेस सर्टिफिकेट भी उतना ही महत्वपूर्ण है जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए, यह स्थिति दर्शाती है कि सुरक्षा के नियम केवल कागजों पर ही सीमित है।
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने स्वीकार किया कि यह ध्यानाकर्षण प्रस्ताव वास्तविक स्थिति पर आधारित है। उन्होंने स्वीकार किया कि आरटीओ विभाग के लोगों ने कुछ हद तक गलतियां की हैं। मंत्री ने कहा कि यदि आरटीओ ने उस वैन को जिसका फिटनेस प्रमाणपत्र 2021 से नहीं था।
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केवल नोटिस देकर नहीं छोड़ा होता और उचित कार्रवाई की होती तो शायद छात्रा और ड्राइवर की जान बच सकती थी। मंत्री ने बताया कि मोटर वाहन कानून के तहत अवैध रूप से छात्र परिवहन करने वाले 248 वाहनों पर कार्रवाई की गई है और उनसे लगभग 83 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महाराष्ट्र के सभी आरटीओ को तत्काल निर्देश दिए हैं कि फिटनेस प्रमाणपत्र रहित गाड़ियां सड़कों पर नहीं आनी चाहिए। विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय हुए कहा है कि फिटनेस प्रमाणपत्र न रखने वाली गाड़ियों को सड़क पर आने से रोकने के लिए नई तकनीक का उपयोग (जैसे जामर लगाना) किया जाएगा, इसके अलावा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सदस्यों ने मांग की है कि अनफिट स्कूल वैन या बस चलाने वाली स्कूलों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। स्कूल बस/वैन चालकों के फिटनेस सर्टिफिकेट समय-समय पर लेना अनिवार्य किया जाए। इस प्रमाणपत्र को लेने की जिम्मेदारी स्कूलों पर तय की जाए और इसकी रिपोर्ट हर महीने आरटीओ को सौंपी जाए।