नागपुर का RTO फ्लाईओवर (फोटो नवभारत)
Nagpur Latest News: नागपुर-अमरावती महामार्ग पर आरटीओ से राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय तक के फ्लाईओवर को खोलने का मुहूर्त निकल गया है। काम लगभग पूर्ण हो चुका है। सीपीडब्ल्यूडी ने 31 अगस्त का दिन निश्चित किया है। ट्रायल रन के लिए यह पूरी तरह से तैयार है।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) का कहना है कि फ्लाईओवर का काम पूर्ण हो चुका है लेकिन नीचे के मार्ग का काम अब भी कुछ बाकी है जिसके कारण इसे सितंबर के आखिरी तक खोला जा सकता है। समय पर मंजूरी नहीं मिलने, पेड़ की कटाई में विलंब के कारण प्रोजेक्ट में देरी हुई है।
आरटीओ से राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय वाले फ्लाईओवर खुलने से शहरवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। इस फ्लाईओवर के शुरू होने से बोले पेट्रोल पंप से विश्वविद्यालय तक का सफर 5-7 मिनट का रह जाएगा।
राष्ट्रीय महामार्ग नागपुर के कार्यकारी अभियंता संजीव जगताप ने बताया कि बोले पेट्रोल पंप से वाड़ी तक 2 हिस्सों में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य किया गया है। पहला हिस्सा पहले चालू हो चुका है, अब दूसरे हिस्से को खोलने का समय आ गया है। दोनों फ्लाईओवर खुल जाने से यात्रा 45 मिनट की बजाय 15 मिनट से भी कम समय में पूरी हो सकेगी। इन दोनों पुलों और उनके नीचे की सड़क के निर्माण पर कुल 384 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
इस परियोजना को 2 साल में पूरा करने का था जो 2021 में प्रस्तावित किया गया था और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 5 मार्च 2022 को इसका भूमिपूजन किया था। पहले यह काम दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद थी लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण इसकी समय सीमा कई बार बढ़ाई गई। अब 31 अगस्त की नई समय सीमा तय की गई है और उम्मीद है कि इस बार यह समय सीमा नहीं बढ़ेगी।
इस फ्लाईओवर के शुरू होने से लॉ कॉलेज चौक, रविनगर और भरतनगर जैसे भीड़भाड़ वाले चौराहों पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी जिससे यात्रियों का समय बचेगा और उन्हें ट्रैफिक की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
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इस प्रोजेक्ट के साथ भी वही हुआ। आवश्यक मंजूरी नहीं मिलने के कारण प्रोजेक्ट लेट हुआ और लोगों को समस्याएं झेलनी पड़ीं। पहले जमीन नहीं मिली, जमीन मिली तो पेड़ काटने की अनुमति के लिए भटकना पड़ा। इतना ही नहीं, ट्रैफिक डायवर्ट करने के लिए ‘ब्लाक’ तक नहीं दिया गया। इन सब परेशानियों के बावजूद प्रोजेक्ट को पूर्ण किया गया है।
आरटीओ के पास के नाले का एक हिस्सा बनकर तैयार हो गया है, दूसरे हिस्से में भी स्लैब डाल दिया गया है। परंतु 3 पेड़ अभी भी हैं जिन पर निर्णय नहीं हो पाया है। मंदिर के पास 2 और सब-स्टेशन के पास का एक पेड़ अब भी हटाना बाकी है। अगर सभी कुछ समय पर हो जाता तो नीचे के हिस्से को भी साथ-साथ खोला जा सकता था परंतु सरकारी कार्यों में ‘सरकारी अधिकारियों का अड़ंगा’ भारी पड़ रहा है।