नागपुर की सड़कों में गड्ढे (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: हाई प्रोफाइल नागपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में कई प्रयास होने के भले ही संबंधित प्राधिकरणों द्वारा दावा किया जा रहा हो किंतु इसकी वास्तविकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिटी की कोई भी ऐसी सड़क बची नहीं है जहां गड्ढे न हों। विशेष रूप से प्रत्येक जोन में सैकड़ों गड्ढे होने का खुलासा स्वयं मनपा के हाटमिक्स प्लांट की ओर से किया गया है जिसमें 2 माह के भीतर ही 1,187 गड्ढों को भरने का भी दावा किया गया।
जानकारों की मानें तो निश्चित ही मनपा द्वारा गड्ढे भरने के लिए प्रयास हो रहे हैं किंतु सड़कों की हालत इतनी खराब है कि पूरी सड़क का ही नवनिर्माण करना अनिवार्य हो गया है। मनपा केवल पैच लगाकर अस्थायी राहत देने की जुगाड़ में है। सूत्रों के अनुसार सिटी के भीतर से गुजरते महामार्गों को छोड़ दिया जाए तो अन्य बड़ी सड़कें भी काफी हद तक उखड़ चुकी हैं जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों के अनुसार मनपा के हाटमिक्स प्लांट द्वारा उजागर की गई जानकारी के अनुसार प्रत्येक जोन में गड्ढों को भरने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है जिसके लिए अलग-अलग 2 टीमों को तैनात किया गया है। कुछ गड्ढे इन्स्टा पैचर मशीन से भरे जा रहे हैं, जबकि कुछ गड्ढों को हॉटमिक्स प्लांट की अन्य टीम द्वारा भरा जा रहा है।
लोगों का मानना है कि मनपा के अधिकारियों ने केवल गड्डीगोदाम चौक से लेकर कामठी रोड पर स्थित ऑटोमोटिव चौक तक चलकर दिखा देना चाहिए। गुरुद्वारा के पास की स्थिति इतनी खराब है कि दिनभर वाहनों को यहां पर रेंगना पड़ता है जिसकी वजह से लंबा जाम तक लगा रहता है। इसी तरह से सदर की ओर जाने वाले मंगलवारी फ्लाईओवर पर गड्ढों की भरमार है। कहीं भी ऐसी कोई सड़क नहीं है जहां से जनता आसानी से आवाजाही कर सकें।
सीएम देवेंद्र फडणवीस के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में लक्ष्मीनगर, धंतोली, हनुमाननगर जोन के कुछ इलाके शामिल हैं। इसके अलावा उनका अपना घर धरमपेठ जोन में है। इन चारों जोन में हॉटमिक्स और इंस्टा पैचर का इस्तेमाल कर 652 गड्ढे भरे गए। बाकी 6 जोन में 535 गड्ढे भरे गए।
कुल गड्ढों की संख्या को देखते हुए भरे गए गड्ढों की संख्या कम है लेकिन भरे गए गड्ढों में भी सीएम के इलाके और उनके निवास को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा धरमपेठ जोन में सिविल लाइंस, विधायक निवास, रवि भवन होने के कारण यहां वीआईपी लोगों का आना-जाना काफी रहता है, इसलिए सबसे ज्यादा 240 गड्ढे इसी जोन में भरे गए हैं।
पहले हॉट मिक्स प्लांट की क्षमता 10 से 20 टन प्रति घंटा थी। इस प्लांट में डीजल का इस्तेमाल किया गया था। दूसरे हॉट मिक्स प्लांट की क्षमता 30-40 टन प्रति घंटा थी। यह प्लांट 2001 से 31 जनवरी 2025 तक चालू था। तीसरा नया हॉट मिक्स प्लांट मई 2025 से शुरू किया गया है। इसकी क्षमता 60-90 टन प्रति घंटा है। हॉट मिक्स प्लांट की क्षमता बढ़ाई गई है।
एक नया काउंटर फ्लो ड्रम मिक्स प्लांट बनाया गया है। इसके अलावा 5 नये टिप्पर और पावर, रोलर और नई प्लांट मशीनरी भी खरीदी गई है। इस नये प्लांट की क्षमता बढ़ गई है लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की सीमित संख्या और इच्छाशक्ति के अभाव के कारण कार्यप्रणाली कारगर साबित नहीं हो रही है।
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| क्षेत्र | जून | जुलाई | कुल भरे गए गड्ढे |
|---|---|---|---|
| लक्ष्मीनगर | 97 | 64 | 161 |
| धरमपेठ | 112 | 128 | 240 |
| हनुमाननगर | 70 | 34 | 104 |
| धंतोली | 40 | 107 | 147 |
| नेहरूनगर | 24 | 27 | 51 |
| गांधीबाग | 31 | 23 | 53 |
| सतरंजीपुरा | 22 | 11 | 33 |
| लकड़गंज | 28 | 42 | 70 |
| आसीनगर | 58 | 72 | 130 |
| मंगलवारी | 159 | 38 | 197 |