
काले कपड़े पहनकर विदर्भ कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने आज महाराष्ट्र दिवस का विरोध किया। पुरुषों और महिलाओं ने काले कपड़े पहनकर नारे लगाए। अंत में पुलिस ने कई विदर्भ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। विदर्भ कार्यकर्ताओं ने 1 मई को संविधान चौक पर विदर्भ का झंडा फहराने का निर्णय लिया था। सभी कार्यकर्ता सिर पर काली पट्टी, कनपटी और काले कपड़े पहनकर वहां पहुंचे थे।
1 मई 1960 से विदर्भ का पतन जारी है। विदर्भ का बकाया बढ़ता जा रहा है। आज राज्य पर 7 लाख 82 हजार करोड़ का कर्ज है और राज्य के बजट में 45892 करोड़ का घाटा है। महाराष्ट्र राज्य की राजस्व आय 5 लाख 60 हजार 963 करोड़ है और वार्षिक खर्च पूरा करने के लिए 6 लाख 6 हजार 855 करोड़ लगेंगे।
इसलिए विदर्भ में गोसेखुर्द सहित 131 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना असंभव है। किसानों की आत्महत्या का दौर जारी है। बेरोजगारों के पास कोई काम नहीं है। प्रदूषण, कुपोषण नहीं रुकेगा। बिजली सस्ती नहीं होगी। नक्सलवाद खत्म नहीं होगा, इस कारण से इस समय मांग की गई।
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पूर्वी विदर्भ संभाग अध्यक्ष अरुण केदार, युवा मोर्चा अध्यक्ष मुकेश मसुरकर, पूर्वी विदर्भ उपाध्यक्ष सुनील चोखरे, वरिष्ठ विदर्भ कार्यकर्ता बाबा शेलके, अहमद कादर, नागपुर शहर अध्यक्ष नरेश निमजे, नागपुर जिला अध्यक्ष प्रशांत नखाते, नागपुर शहर महिला अध्यक्ष ज्योति खांडेकर, गुलाबराव धांडे, गणेश शर्मा, गिरीश तितरमारे, अमूल साकुरे, राजेंद्र सताई, रवींद्र भामोडे, हरिभाऊ पानबुडे, लता अवजेकर, प्यारू भाई उर्फ नौशाद हुसैन, भरत बाविस्टेल, नीलकंठ अंबोरे, माधुरी चौहान, किशोर कुर्वे, भोजराज सरोदे ने आंदोलन में भाग लिया।
25 मई को अमरावती में पश्चिम विदर्भ का निर्धार मेला इंजीयंत भवन शेगाँव, अमरावती में आयोजित होगा, तथा 13 तारीख को नागपुर के विदर्भ चंडिका शहीद चौक से अर्धनग्न पैदल मार्च निकाला जाएगा। कई गांवों का भ्रमण करने के बाद यह पैदल मार्च 25 तारीख को अमरावती पहुंचेगा।






