अशोक बाबाजी के अड्डे पर छापेमारी (डिजाइन फोटो)
Nagpur Crime: लंबे समय से जुआ अड्डा चलाने को लेकर चर्चित अपराधी इतवारी स्टेशन के समीप रहने वाले अशोक उर्फ बाबाजी चंपालाल यादव के अड्डे पर क्राइम ब्रांच की टीम ने छापा मारा। स्थानीय नागरिकों का दावा है कि शांतीनगर पुलिस ने बाबाजी को क्लब चलाने की खुली छूट दी थी। यही कारण था कि वह बेखौफ अड्डा चला रहा था और रोजाना यहां असामाजिक तत्वों की भीड़ रहती थी।
इसीलिए क्राइम ब्रांच ने शांतीनगर पुलिस को भनक तक नहीं लगने दी और बाबाजी के क्लब पर छापा मार दिया। पुलिस ने 18 जुआरियों को ताश के पत्तों पर हार-जीत की बाजी लगाते पकड़ा।
पकड़े गए जुआरियों में बाबाजी के अलावा धनराज राजकुमार कलसे, टिमकी निवासी गणेश ज्ञानचंद नवेश, वैशालीनगर निवासी सनी सुरेंद्रसिंह डिगवा, इतवारी निवासी चेतन पुरुषोत्तम वानखेड़े, जूनी मंगलवारी निवासी संतोष विनायक वेलतूरकर, रजत गुलाबराव सोरते, प्रणय दामोदर उमरेडकर, नंदनवन निवासी मोहम्मद रईस मोहम्मद युनुस, कामठी निवासी शुभम अशोक भईमारे, स्वीपर कॉलोनी, लकड़गंज निवासी सचिन गेंदलाल सकेल, जरीपटका निवासी किशोर प्रकाश सावलानी, रेणुका मातानगर निवासी सुनील दादू बिसेन, मोमिनपुरा निवासी नदीम अख्तर नसीम अख्तर, कफिन अहमद मुश्ताक अहमद, शांतीनगर निवासी अब्दुल लतीफ रज्जाक, नाइक तालाब, बांगलादेश निवासी संदीप पुरुषोत्तम वर्मा और दलालपुरा निवासी अब्दुल फिरोज अजीज शेख का समावेश है।
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पुलिस ने आरोपियों से 1.86 लाख रुपये नकद, 19 मोबाइल, 3 दोपहिया और अन्य सामान सहित 7.58 लाख रुपये का माल जब्त किया। बताया जाता है कि सीपी रविंद्रकुमार सिंगल को बाबाजी का जुआ क्लब शुरू होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच की एनडीपीएस सेल को गोपनीय तरीके से छापेमारी करने के निर्देश दिए गए।
बताया जाता है कि भारतीय अखाड़े के समीप स्थित बाबाजी के इस क्लब में खुलेआम जुआ चल रहा था। रोजाना शहर के अलग-अलग इलाकों से जुआरी पहुंचते थे। इस वजह से स्थानीय नागरिक भी परेशान थे। हर कोई इससे परेशान था लेकिन बाबाजी की आपराधिक छवि और उसकी पुलिस के साथ सेटिंग को देखते हुए कोई खुलकर शिकायत नहीं कर रहा था।
इसीलिए सभी जुआरी बेधड़क बाजी लगा रहे थे। अचानक पुलिस का छापा पड़ने से सभी सकते में आ गए और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई जुआरी बुरी तरह जख्मी हो गए। किसी की पसली टूटी तो किसी के हाथ-पैर फ्रैक्चर हुए। कुछ लोगों को अस्पताल ले जाने की नौबत आ गई। इस कार्रवाई से शांतीनगर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।