नागपुर में ट्रैफिक (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur AQI: मानसून की समाप्ति के साथ ही शहर के मौसम में बड़ा बदलाव महसूस किया जा रहा है। नागपुर में हवा का प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। 17 अक्टूबर को उपराजधानी के सभी प्रदूषण मापन केंद्रों पर समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से अधिक दर्ज किया गया। जिसे विशेषज्ञों ने ‘खराब’ श्रेणी में बताया।
इस दिन सबसे अधिक प्रदूषण महाल क्षेत्र के मापन केंद्र पर पाया गया जहां एक्यूआई चौंकाने वाले रूप से 335 पर पहुंच गया जो ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आता है। अंबाझरी केंद्र पर भी एक्यूआई 204 दर्ज किया गया। हवा की गुणवत्ता में यह गिरावट नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकती है।
वायु प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण प्राकृतिक बदलावों में छिपा है। मौसम विशेषज्ञ सुरेश चोपणे के अनुसार सर्दियों की शुरुआत में ‘तापमान व्युत्क्रम’ नामक एक प्रक्रिया होती है। इसमें रात के समय जमीन के स्तर पर तापमान अधिक ठंडा हो जाता है जबकि ऊपरी परत में गर्म हवा का आवरण बन जाता है। नतीजतन धुआं और प्रदूषित हवा नीचे ही फंस जाती है और ऊपर नहीं उठ पाती जिससे प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है।
जहां तक संभव हो बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करें।
सुबह जल्दी या रात देर से बाहर जाने से बचें।
वृद्ध, छोटे बच्चों और श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
वाहनों का अनावश्यक उपयोग टालें।
यह भी पढ़ें:- नवी मुंबई में अग्निकांड: बहुमंजिला इमारत में भीषण आग, 4 लोगों की मौत; 10 घायल, देखें VIDEO
मौसम विशेषज्ञ चोपणे ने कहा कि 17 तारीख को महाल में हवा का प्रदूषण खतरे की घंटी है। उन्होंने महानगर पालिका से इस मामले को गंभीरता से लेने और तत्काल उपाय लागू करने का आग्रह किया अन्यथा आगामी समय में नागपुर र के नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।