
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोाशल मीडिया)
Nagpur Air Cargo Growth: महाराष्ट्र सरकार नागपुर को मध्य भारत में एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में स्थापित करने का जो लक्ष्य लेकर चल रही है, वह यहां से जाने वाले एयर कार्गो को देखते हुए लगता नहीं कि वह जल्द पूरा होगा। मिहान प्रोजेक्ट आने के बाद जिस तेजी से यहां से एयर कार्गो बढ़ना चाहिए, वह बढ़ नहीं पाया और न तो फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया गया।
हैदराबाद सहित अन्य एयरपोर्ट्स की तुलना में एयर कार्गो में नागपुर एयरपोर्ट काफी पीछे है। यहां से वर्ष दर वर्ष एयर कार्गो बढ़ रहा है, लेकिन उसकी चाल काफी धीमी है।
हैदराबाद एयर कार्गो से जहां 1 माह में 12,789.4 मीट्रिक टन माल जाता है। वहीं नागपुर से 9 माह में मात्र 7,220.1 टन ही माल जा रहा है। वहीं हैदराबाद से उड़ानों की संख्या भी काफी अधिक है। नागपुर में जो उड़ानें शुरू होती है वह भी कुछ दिन के बंद कर दी जाती है, जिसके चलते एयर कार्गो भी नहीं बढ़ पाता।
नागपुर से वर्ष 2025 में सितंबर तक देखें तो घरेलू व अंतराष्ट्रीय को मिलाकर कुल 7,220.1 मीट्रिक टन माल गया, जिसमें से विदेश में मात्र 55.9 मीट्रिक टन ही माल गया। वहीं वर्ष 2024 में घरेलू व अंतराष्ट्रीय को मिलाकर कुल 6,273.3 मीट्रिक टन माल भेजा गया, जिसमें विदेश में 144.6 मीट्रिक टन माल गया।
पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार विदेश जाने वाले कार्गो में करीब 88.7 मीट्रिक टन की गिरावट आई। घरेलू स्तर पर देखें तो एयर कार्गो में हर माह इजाफा देखा जा रहा है, लेकिन विदेश के लिए फ्लाइट की संख्या कम होने से कार्गो में गिरावट आ रही है।
| माह | 2024 घरेलू | 2024 अंतरराष्ट्रीय | 2025 घरेलू | 2025 अंतरराष्ट्रीय |
|---|---|---|---|---|
| जनवरी | 587.7 मीट्रिक टन | 6.7 मीट्रिक टन | 653.2 मीट्रिक टन | 5.8 मीट्रिक टन |
| फरवरी | 654.8 मीट्रिक टन | 8.5 मीट्रिक टन | 589.2 मीट्रिक टन | 1.2 मीट्रिक टन |
| मार्च | 665.1 मीट्रिक टन | 8.6 मीट्रिक टन | 954.6 मीट्रिक टन | 2.8 मीट्रिक टन |
| अप्रैल | 613.9मीट्रिक टन | 90.4 मीट्रिक टन | 746.3 मीट्रिक टन | 2.7 मीट्रिक टन |
| मई | 722.2 मीट्रिक टन | 10.9 मीट्रिक टन | 797.3 मीट्रिक टन | 4.8 मीट्रिक टन |
| जून | 692.0 मीट्रिक टन | 3.6 मीट्रिक टन | 783.0 मीट्रिक टन | 11.2 मीट्रिक टन |
| जुलाई | 735.5 मीट्रिक टन | 5.8 मीट्रिक टन | 921.7 मीट्रिक टन | 17.0 मीट्रिक टन |
| अगस्त | 722.6 मीट्रिक टन | 6.9 मीट्रिक टन | 850.3 मीट्रिक टन | 5.4 मीट्रिक टन |
| सितंबर | 734.9 मीट्रिक टन | 3.2 मीट्रिक टन | 868.6 मीट्रिक टन | 5.0 मीट्रिक टन |
| कुल | 6,128.7 मीट्रिक टन | 144.6 मीट्रिक टन | 7,164.2 मीट्रिक टन | 55.9 मीट्रिक टन |
नागपुर से संतरे के साथ दवा, चावल, एयरक्राफ्ट के पार्ट, इंजीनियरिंग उत्पाद सहित अन्य तरह के माल जा तो रहे हैं, लेकिन उनकी मात्रा बहुत कम है। यहां से हर माह मात्र 600 से 900 मीट्रिक टन ही माल जा रहा है। वहीं रायपुर से सब्जियों और फलों का निर्यात नागपुर कार्गो के माध्यम से किया जा रहा है।
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यह व्यवस्था इसलिए है क्योंकि नागपुर एक प्रमुख कार्गो हब है। यह रायपुर के कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने का एक कुशल माध्यम प्रदान करता है। बाहर वाले तो इसका महत्व समझ रहे हैं, लेकिन यहां के कई लोग इसका उपयोग समझ नहीं पा रहे हैं।
यहां से विदेश जाने वाली 2 फ्लाइट्स हैं, जिनमें कृषि से संबंधित व अन्य वस्तुएं जा सकती हैं बावजूद इसके उनका कोई बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर रहा है। कुछ ही लोग हैं, जो एयर कार्गो का इस्तेमाल कर रहे हैं, परंतु इसका इस्तेमाल बढ़ेगा तो यहां पर अधिक से अधिक विदेशी पूंजी आयेगी और क्षेत्र का विकास हो सकेगा। इसके लिए अधिक से अधिक संख्या में छोटे-बड़े एक्सपोर्टर और इम्पोर्टर में जागरूकता फैलानी होगी।
-नवभारत लाइव के लिए नागपुर से राजेंद्र मानकर की रिपोर्ट






