नागपुर न्यूज
Maharashtra Local Body Elections: सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई चुनाव की तारीखों के अनुसार जनवरी 2026 में होने वाले मनपा के आम चुनावों को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिसके अनुसार 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के लिए हाल ही में प्रभाग रचना घोषित की गई। 151 सदस्यों की महानगरपालिका में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी को लेकर दिए गए फैसले से उनका भी आरक्षण तय किया जाना है।
अब स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। मनपा में लंबे समय से भाजपा की सत्ता रही है। इसी तरह से इच्छुकों की बड़ी फौज भी इस दौरान तैयार हो गई है। ऐसे में एक ओर जहां प्रभाग के आरक्षण में टिकट कटने के डरावने सपने आने लगे हैं वहीं दूसरी ओर टिकट पाने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। बहरहाल चूंकि अब अंतिम प्रभाग रचना तय हो चुकी है, अत: जल्द ही आरक्षण की लॉटरी को लेकर अधिसूचना जारी होने की जानकारी सूत्रों ने दी।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार मनपा चुनाव में 50 प्रतिशत महिला आरक्षण रखना है। वर्तमान में कई सीटों पर ओबीसी पुरुषों की दावेदारी हो रही है किंतु ओबीसी आरक्षण पर मुहर लगने के बाद लॉटरी में यदि संबंधित प्रभाग में ओबीसी महिला के लिए सीट आरक्षित हुई तो इन पुरुषों को पत्नियों के भरोसे मनपा में अपनी सत्ता चलानी होगी।
सूत्रों का मानना है कि गत कार्यकाल में भाजपा के 107 पार्षद थे जिनमें से कई का प्रदर्शन ठीक नहीं होने से उनका टिकट कटना है। इसमें भी यदि आरक्षण में वरिष्ठ पार्षद रहे लोगों पर संकट आया तो भाजपा के समक्ष सर्वाधिक समस्या होगी।
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में केवल प्रभाग रचना का प्रारूप घोषित हुआ है। 50 प्रतिशत महिला आरक्षण के नियमों के अनुसार 151 सदस्यों में से 76 सीटों का आरक्षण अभी तय होना बाकी है। नई प्रभाग पद्धति के अनुसार कुल 38 प्रभाग तय किए गए हैं। महिलाओं के आरक्षण और प्रभागों की संख्या के अनुसार प्रत्येक प्रभाग में 2 सदस्य महिला निश्चित होगी।
इसके अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए अलग से आरक्षण निश्चित करना है। जानकारों के अनुसार भले ही कुछ लोगों को अभी भी सीट पक्की लग रही हो लेकिन पूरा मामला आरक्षण के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
जानकारों के अनुसार उत्तर और पश्चिम नागपुर छोड़कर अन्य विधानसभा क्षेत्र भाजपा के कब्जे में हैं। इन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रभागों में एक दूसरे की सीमाएं पहले की तरह होने का हवाला देकर संबंधित पूर्व पार्षद बूथ और वोटरों के आधार पर स्वयं को सुरक्षित करार दे रहे हैं। इसी तरह की दावेदारी दूसरे लोग भी कर रहे हैं। एक ही प्रभाग में कुछ पूर्व पार्षदों द्वारा अपना हक जताए जाने से नेताओं को पसीना छूट रहा है।
जानकारों के अनुसार विशेष रूप से भाजपा के लिए यह चुनाव आसान नहीं है। जिनकी नेताओं के पास पैठ है उन्हें तो किसी तरह का नुकसान नहीं है किंतु अन्यों के पैरों तले जमीन खिसकी हुई है। मनपा चुनाव में 50 प्रतिशत महिला आरक्षण होने के कारण टिकट पक्की कराने के उद्देश्य से कुछ परिवारों में पति-पत्नी भी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं।
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