सिकल सेल, आनुवांशिक रोगों पर हो अधिक शोध। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: मेडिकल छात्रों को आनुवांशिक बीमारियों के साथ-साथ सिकल सेल और वृद्धावस्था से संबंधित बीमारियों पर भी अधिक शोध करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उपचार पद्धतियां इसी दिशा में तैयार की जानी चाहिए, ऐसी बात राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कही। वे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, एम्स अध्यक्ष डॉ. अनंत पंढरे, कार्यकारी संचालक डॉ. प्रशांत जोशी, सांसद श्याम कुमार बर्वे, अजीत गोपछड़े, विधायक संजय मेश्राम आदि उपस्थित थे। समारोह में मेधावी छात्रों को मेडल और पुरस्कार प्रदान किए गए। वहीं स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं।
राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि पहले केवल दिल्ली में ही एम्स था, लेकिन अब देश के अन्य राज्यों में एम्स की स्थापना हो गई है। दिल्ली एम्स में परिजनों के निवास की सुविधा के लिए शेल्टर हॉल भी बनाए गए हैं। एम्स की पहली पास आउट बैच का उल्लेख एक इतिहास निर्माण करना होगा। शिक्षा को रोकें नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में सतत अध्ययन और शोध कर समाज को लाभान्वित करें।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि एम्स में हृदय, किडनी सहित अन्य अवयव प्रत्यारोपण किए जा रहे हैं। पूर्वी विदर्भ में प्रमुखता से सिकल सेल और थैलेसेमिया अधिक पाया जाता है। एम्स में इन बीमारियों के बेहतर इलाज की अपेक्षा है। बोन मेरो ट्रांसप्लांट भी किए गए हैं। मरीजों को सहूलियत दरों में इलाज के बारे में राज्य सरकार से बात करेंगे। नागपुर सहित विदर्भ की समस्याओं से अवगत होकर उनके निराकरण की दिशा में संस्थान को कार्य करना चाहिए। जो सुविधाएं अन्यत्र नहीं मिलतीं, वे यहां उपलब्ध हो सकें। एम्स नागपुर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्था बने। वर्तमान में वेटरनरी साइंस में अच्छा कार्य हो रहा है। इसी तरह का कार्य एम्स में भी होना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि नॉलेज हमारी ताकत है। भविष्य में एम्स विश्व के लिए अभिमान बने। इसके लिए सभी को मिलकर एक दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वीडियो संदेश के माध्यम से डिग्रीधारियों को बधाई दी और समाज के विकास के लिए कार्य करने का आह्वान किया। कार्यकारी संचालक डॉ. जोशी ने संस्था की विकास रिपोर्ट प्रस्तुत की। शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ. मृणाल फाटक ने संचालन किया।
समारोह में 2018 बैच की छात्रा डॉ. जिज्ञासा जिंदल को अंतिम व्यावसायिक परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने तथा कम्युनिटी मेडिसिन व बालरोग शास्त्र विषय में सर्वाधिक अंक हासिल करने पर डॉ. संजय पैठणकर स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। डॉ. अभिजित को द्वितीय तथा डॉ. हिमांशु गजभिये को तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया। विविध विषयों में बेहतरीन प्रदर्शन करने पर डॉ. तुषार पवार, डॉ. शिवानी, डॉ. मधुर गट्टानी, डॉ. तुषार बंसल को स्वर्ण पदक व पुरस्कार प्रदान किया गया। समारोह में 121 एमबीबीएस और 24 एमडी, एसएस डिग्री प्रदान की गईं। कार्यक्रम में एम्स प्राध्यापक, अधिकारी, छात्र और अभिभावक उपस्थित थे।