पुलिस सुरक्षा में फुटाला तालाब का नाप-जोख।
नागपुर: 100 साल बाद पहली बार फुटाला तालाब और आसपास के क्षेत्र की नापजोख भूमि-अभिलेख विभाग की टीम द्वारा सोमवार को किया गया। अधिकारियों ने एक बड़ी पुलिस टुकड़ी की सुरक्षा में नापजोख का कार्य किया। इस बीच, पुलिस को नापजोख के कार्य करते वक्त का विरोध होने का संदेह था। इसलिए सिटी सर्वे की टीम ने शहर परिमंडल 2 के उपायुक्त से तालाब परिसर के आसपास के नापजोख को सुनिश्चित करने के लिए मदद मांगी थी।
इसलिए सरकारी काम में कोई बाधा न आए और किसी भी तरह की कोई अव्यवस्था न हो, इसके लिए पुलिस ने पूर्व पार्षद कमलेश चौधरी समेत कुछ लोगों को नजरबंद कर दिया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। फुटाला में एक व्यक्ति ने कुछ जगहों पर अतिक्रमण किया था। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के आदेश पर सोमवार को नापजोख किया गया। भूमि-अभिलेख विभाग (सिटी सर्वे कार्यालय) क्रमांक 3 की टीम के कर्मचारी सुबह 9 बजे फुटाला पहुंचे।
इस दौरान सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडब्ल्यूडी) और महाराष्ट्र प्राणी व मत्स्य विज्ञान विद्यापीठ (माफसु) के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। उन्होंने फुटाला माफसु के साथ फुटाला तालाब के क्षेत्र का नापजोख किया। अधिकारियों के साथ पुलिसकर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी भी उनकी सुरक्षा में लगाई गई थी। शाम 5 बजे तक नापजोख का काम किया गया।
अन्याय निवारण मंच के अध्यक्ष ज्वाला जांबुवंतराव धोटे ने 2022 से लगातार शिकायत की है। आरोप है कि पूर्व पार्षद कमलेश चौधरी और उनके परिवार के सदस्यों ने गैर-कानूनी निर्माण कार्य किया है। शिकायत के अनुसार तालाब का कुछ हिस्सा और कैचमेंट एरिया में मिट्टी डालकर लॉन विकसित किया गया है। चौधरी परिवार ने 2022 में कैचमेंट एरिया में पहले निवासी इमारत बनाई, इसके बाद कुछ महीने पूर्व उससे लगकर एक और इमारत का निर्माण किया।
विधायक विकास ठाकरे ने यह मुद्दा पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के समक्ष उपस्थित किया था। 12 फरवरी को हुई बैठक में बावनकुले ने नागपुर महानगरपालिका, माफसु और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को फटकार लगाई और तीन दिन में लॉन हटाकर तालाब का मूल स्वरूप लाकर कैचमेंट एरिया का कब्जा लेने के निर्देश दिए थे।
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नापजोख के दौरान पूर्व पार्षद कमलेश चौधरी और उनके समर्थकों द्वारा बवाल होने की संभावना जताई गई थी। जिसे देखते हुए चौधरी और उनके समर्थकों को नापजोख से पहले ही थाने में बैठा लिया गया था। हालांकि, नापजोख के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। पूरे दिन पुलिस सुरक्षा में नापजोख का काम चलता रहा। फिलहाल तालाब का नाम मौजा तेलंगखेड़ी, खसरा क्रमांक 18 में है और पीडब्ल्यूडी के नाम पर 57.30 एकड़ क्षेत्र में है।
तालाब के उत्तर दिशा में कैचमेंट एरिया (खसरा क्रमांक 19 और 20) 6.12 एकड़ है और यह माफसु की मालिकी का है। कुल 63.42 एकड़ क्षेत्रफल में नाप-जोख किया जा रहा है। नापजोख के निष्कर्ष अनुसार, अतिक्रमण हटाकर सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडब्ल्यूडी) और महाराष्ट्र प्राणी व मत्स्य विज्ञान विद्यापीठ (माफसु) सरकारी जगह का कब्जा लेगी और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
100 साल बाद फुटाला तालाब और पाणलोट क्षेत्र के नापजोख सोमवार को होने जा रही है, यह बात सुबह से शहर में तेजी से फैल गई। जिसके बाद नागरिकों में दिनभर चर्चा का विषय बना रहा। कुछ लोग उत्सुकता भरे इस विषय को खुली आंखों से देखने के लिए फुटाला तालाब पहुंच गए। जिसके चलते तालाब परिसर में भीड़ लगने की कोशिश को पुलिस ने रोक दिया।
17 दिसंबर 2024 को सिविल अपील क्रमांक-14604/2024 पर सर्वोच्च न्यायालय ने सेवा आपूर्तिकर्ता / बोर्ड को पूर्ण निर्माण और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट होने पर संबंधित इमारत या निर्माण को बिजली और पानी आपूर्ति करने का निर्देश दिया था। लेकिन चौधरी परिवार ने जमीन का मालकी अधिकार नहीं होने के बाद भी बिना मंजूरी लिए इमारत का निर्माण किया था। इसीलिए पीडब्ल्यूडी, माफसु ने एमएसईडीसीएल से संबंधित निर्माण की बिजली आपूर्ति बंद करने की मांग की है।
नापजोख के पूर्व पीडब्ल्यूडी और माफसु ने चौधरी परिवार को पहले ही नोटिस जारी किया है। मनपा और पुलिस विभाग को अधिकृत सूचित किया गया है। माफसु की शिकायत पर गिट्टीखदान पुलिस ने कमलेश चौधरी, उनकी मां मीना और छोटे भाई मुकेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।