
शीतसत्र का आगाज (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Winter Session: महाराष्ट्र विधानसभा का शीत सत्र नागपुर में सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र में विदर्भ और मराठवाड़ा समेत राज्य के पिछड़े इलाकों के मुद्दों पर चर्चा होगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भले ही सेशन का समय कम हो, लेकिन हम दोगुना काम करेंगे और लोगों के मुद्दों के को पूरा समय देंगे, सत्रारंभ की पूर्व संध्या पर उनके साथ डिप्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले मौजूद थे।
डिप्टी सीएम अजित पवार की गैरमौजूदगी को लेकर सीएम ने रविवार को साफ किया कि वे आज अपने घर की शादी में व्यस्त हैं, सोमवार को सुबह आएंगे और सेशन में पूरे समय मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा इस साल का सेशन बहुत अच्छे तरीके से चलाया जाएगा। कोड ऑफ कंडक्ट की वजह से सेशन कम समय के लिए होना है, इसलिए हम रविवार को भी काम करेंगे।
विपक्षी के आक्रामक रुख को लेकर सीएम ने कहा कि महागठबंध इस समय दिशाहीन है, वे लोगों की समस्याओं को ठीक से पेश नहीं कर सकते, वडेट्टीवार को 2014 से पहले के महाराष्ट्र को देखना चाहिए।
इस बार तय सरकारी काम पूरे होंगे, लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। भारी बारिश से प्रभावित किसानों को सही मदद दी गई है। 92 प्रतिशत किसानों तक मदद पहुंच चुकी है। हम बाकी कई किसानों की केवायसी समस्या का समाधान कर रहे हैं। शीतकालीन अधिवेशन की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा दी गई ‘चाय’ का मविआ में शामिल घटक दलों ने बहिष्कार कर दिया।
कांग्रेस पक्षनेता विजय वडेट्टीवार, शिवसेना यूबीटी के भास्कर जाधव, राकां शरद पवार पार्टी के अनिल देशमुख ने संयुक्त प्रेस परिषद में कहा कि सत्ताधारी पार्टी की ओर से चायपान का व्यक्तिगत निमंत्रण मिला जबकि परंपरा यह है कि यह निमंत्रण विरोधी पक्षनेता को दिया जाता है। दुर्भाग्य
यह है कि दोनों सदनों में विपक्षी दलनेता का पद रिक्त है। यह पद संवैधानिक है लेकिन यह सरकार संविधान को नहीं मानती।
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बहुमत के बाद भी विपक्ष से डरती है। एक साल हो गया लेकिन नेता विपक्ष का पद भरने को तैयार नहीं है। संविधान की अवहेलना करने वाली सत्ता की चाय का हम बहिष्कार करते हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया कि विरोधी पक्षनेता पद अगर ये देते तो वे सत्ताधारियों के पाप उजागर करेंगे, इसलिए मनमानी के लिए इन्होंने ऐसा नहीं किया।






