खापा में बाघ की करंट देकर शिकार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: जिस तरह से बाघों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, उसी तरह बाघों की मौत का सिलसिला भी कायम है। कभी दुर्घटना में, कभी प्राकृतिक तौर पर, तो कभी शिकारियों के हाथों बाघों की मौत हो रही है। होली के दिन एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें खापा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत एक बाघ को शिकारियों ने पहले इलेक्ट्रिक करंट देकर मार डाला। फिर इसके पंजे काटे, साथ ही साथ बाघ की मूंछें व दांत भी निकालकर ले गए।
घटना की जानकारी वन विभाग को मिलने के बाद नागपुर की टीम घटनास्थल पर पहुंची, जिसके बाद पोस्टमार्टम खापा वनपरिक्षेत्र में किया गया। आरोपियों की तलाश वन विभाग की टीम कर रही है। जानकारी के अनुसार खापा के नागलवाड़ी में सिरोंजी हद अंतर्गत एक भनगाला नामक नाला है। इस नाले में एक बाघ को गिरते हुए कुछ लोगों ने देखा, जिसके बाद तुरंत इसकी जानकारी स्थानीय वन विभाग को दी गई।
वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर देखा तो एक 3 से 3.5 साल का बाघ मृतावस्था में पड़ा था, जिसके चारों पैरों के पंजे कटे हुए थे। वहीं उसकी मूंछें व दांत निकाले गए थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत इसकी जानकारी नागपुर के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद परिसर की जांच करवाई, जिसमें उन्हें 11 केवी के इलेक्ट्रीफिकेशन के तार मिले। इसकी सहायता से शिकारियों द्वारा बाघ का शिकार करने का अंदेशा है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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पेंच व्याघ्र प्रकल्प नागपुर के पास एक डॉग स्कॉड है, जो कि इस तरह के शिकारियों को ढूंढने के काम आता है। उपरोक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने डॉग स्कॉड की मदद ली है। डॉग स्कॉड ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद आरोपियों की तलाश में वन विभाग की मदद कर रहा है।
जानकारों की मानें तो आए दिन बाघों का शिकार होता है, जिसका मुख्य कारण अंधश्रद्धा है। लोगों में बाघों के अंग को लेकर काफी भ्रम फैलाया गया है, जिसमें भोंदू बाबाओं की ओर से पैसों की बारिश से लेकर संतान प्राप्ति तक का लालच दिखाया जाता है। जिसके कारण बाघों के नाखून, मूंछें, दांत, यहां तक कि चमड़ी बहुत ज्यादा महंगी बिकती है। परिणामस्वरूप इनकी तस्करी करने वाले बाघों को करंट आदि लगाकर मार देते हैं।