
नागपुर. एक ओर सिटी में विकास की गंगा बहाई जा रही है तो दूसरी ओर कई इलाकों में अब भी मूलभूत सुविधाएं नदारद हैं. नागरिकों द्वारा आंदोलन करने और प्रशासन से कई बार मांग करने के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है. हुडकेश्वर क्षेत्र की कई बस्तियों में अब तक गटर लाइन नहीं पहुंची है. लोगों को अब भी सेप्टिक टैंक पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है. सेप्टिक टैंक की वजह से क्षेत्र में कुओं का पानी दूषित हो रहा है. मनपा प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने का ही नतीजा है कि सिटी में शामिल होने के बाद भी विकास की गति धीमी पड़ी हुई है.
करीब 7 वर्ष पहले हुडकेश्वर-नरसाला क्षेत्र मनपा की सीमा में शामिल किया गया. उम्मीद थी कि विकास को गति मिलेगी लेकिन अब भी कई बस्तियों में सुविधाओं का अभाव है. सड़कों का निर्माण जिस गति से होना चाहिए, नहीं हो रहा है. एक बार सड़क बन जाए तो फिर वर्षों तक मरम्मत नहीं होती. हुडकेश्वर की कई बस्तियों में अब भी गटर और ड्रेनेज लाइन नहीं बिछाई गई. बारिश के दिनों में सड़कों पर बहता पानी या तो लोगों के घरों में घुसता है या फिर खाली प्लाट में जमा हो जाता है. इतना जरूर है कि पिपला ग्राम पंचायत क्षेत्र की बस्तियों में गटर लाइन बिछाई गई है.
गटर लाइन नहीं होने से लोगों के घरों में सेप्टिक टैंक हैं. बारिश के दिनों में सेप्टिक टैंक पानी से लबालब भर जाते हैं. इस हालत में हर वर्ष सेप्टिक टैंक को खाली कराने का खर्च वहन करना पड़ रहा है. सेप्टिक टैंक की वजह से कुओं का पानी दूषित हो रहा है. नल लाइन तो पहुंच गई है लेकिन गटर लाइन नहीं होने से लोगों की समस्या का समाधान नहीं हुआ. बताया जाता है कि हुडकेश्वर-नरसाला विकास योजना के तहत गटर लाइन के लिए करीब 150 करोड़ की प्रस्ताव तैयार किया गया था. मंत्रालय में फाइल को अंतिम मंजूरी से पहले राज्य में सत्ता बदल गई. तब से लेकर अब तक गटर लाइन की योजना धूल खा रही है.
जनसमस्याओं के निराकरण को लेकर जनप्रतिनिधियों का उदासीन रवैया रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव तक हुडकेश्वर-नरसाला कामठी विधानसभा क्षेत्र में शामिल था लेकिन मनपा चुनाव में सिटी में शामिल हो गया. पार्षदों द्वारा गंभीरता से ध्यान नहीं देने और प्रशासन पर दबाव नहीं बनाने का ही नतीजा है कि अब तक गटर लाइन की अटकी पड़ी है. क्षेत्र के विधायक का भी इस ओर ध्यान नहीं है. यही वजह है कि दो वर्ष में एक बार भी इस मुद्दे को नहीं उठाया गया. अब कुछ दिनों बाद मनपा चुनाव होने वाले हैं. यही वजह है कि पार्षदों का जनता के बीच संपर्क शुरू हो गया है लेकिन नागरिक पुराने वादों की याद दिला रहे हैं.






