नागपुर में नर्सों की हड़ताल जारी (सौजन्य-नवभारत)
Government Hospital Nurses Strike : सिटी के मेडिकल, मेयो और आयुर्वेद कॉलेज में नर्सों की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। इस बीच मंगलवार को संगठन के साथ वैद्यकीय शिक्षा मंत्री की मुंबई में बैठक हुई लेकिन लिखित आश्वासन नहीं मिलने के कारण हल नहीं निकल सका। इस बीच मेडिकल सहित सुपरस्पेशलिटी, ट्रामा केयर सेंटर में कार्यरत चतुर्थ वर्ग के ठेका कर्मियों ने भी काम बंद कर दिया।
3 महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मियों के काम बंद से परेशानी बढ़ गई है। मेडिकल कॉलेजों में सफाई कर्मचारी सहित कक्ष परिचर के पद खाली होने से ठेका कर्मियों की नियुक्ति की गई है। मेडिकल में क्रिस्टल कंपनी द्वारा कर्मचारियों की आपूर्ति की जा रही है। फिलहाल करीब 337 कर्मचारी कार्यरत हैं जो 3 शिफ्ट में कार्य कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को कंपनी द्वारा पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिला है।
वेतन की अनियमितता हमेशा ही होने से कर्मचारी त्रस्त हो गये हैं। इस महीने की वेतन की प्रतीक्षा करते हुए आखिरकार कर्मचारी परेशान हो गए और मंगलवार को कामबंद कर दिया। कर्मियों के काम बंद से सफाई सहित अन्य व्यवस्था लड़खड़ा गई। ठेका कर्मियों के आंदोलन के मद्देनजर मेडिकल प्रशासन ने नियमित कर्मियों से जिम्मेदारी संभालने के निर्देश दिए। आईसीयू सहित अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर ड्यूटी के आदेश दिए गए लेकिन दोपहर के बाद अफरा-तफरी जैसी स्थिति देखने को मिली।
क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारी दोपहर को मेडिकल अधिष्ठाता कार्यालय के सामने एकत्रित हुए। वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर 3 महीने से वेतन नहीं मिलने पर रोष व्यक्त किया। मेडिकल, सुपरस्पेशलिटी और ट्रॉमा केयर सेंटर में नए और पुराने सफाई कर्मचारियों के लगभग 240 पद भरे जा चुके हैं जिनमें नए भर्ती हुए कर्मचारी भी शामिल हैं। इसी तरह अडेंटेंड के लगभग 330 पद भरे जा चुके हैं लेकिन अब भी स्थायी संवर्ग में स्वीकृत पदों की तुलना में लगभग 200 पद रिक्त बताए जा रहे हैं।
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महाराष्ट्र परिचारिका संगठन के मेडिकल शाखा सचिव शहजाद बाबा खान ने बताया कि मंगलवार को वैद्यकीय शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ के साथ बैठक हुई। मंत्री ने आर्थिक और तकनीकी मुद्दों पर विभाग के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद ही किसी हल तक पहुंचने का आश्वासन दिया लेकिन जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता तब तक हड़ताल स्थगित नहीं की जाएगी क्योंकि इससे पहले भी सरकार की ओर से आश्वासन मिला था, जबकि ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी। खबर लिखे जाने तक नर्सों की हड़ताल जारी थी।