
एसटी बसें कैंसल (सौजन्य-नवभारत)
118 ST buses cancelled Nagpur: किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर प्रहार संगठन के अध्यक्ष और पूर्व राज्य मंत्री बच्चू कड़ू के नेतृत्व में आंदोलनकारियों ने नागपुर के प्रमुख राष्ट्रीय मार्गों को अवरुद्ध कर दिया। इसके चलते चंद्रपुर और वर्धा दिशा की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई।
बुधवार को भी यही स्थिति बनी रहने से हिंगणघाट, यवतमाल और चंद्रपुर मार्गों पर चलने वाली 118 बसों के फेरे रद्द करने पड़े, जिससे एसटी बस सेवा और यात्रियों दोनों को भारी नुकसान हुआ। इनमें हिंगणघाट मार्ग की 30, यवतमाल मार्ग की 51 और चंद्रपुर मार्ग की 37 मिलाकर ऐसी कुल 118 बसों के फेरे रद्द करने पड़े।
हालांकि राज्य परिवहन महामंडल ने कुछ बसों के मार्गों में बदलाव कर चंद्रपुर, वर्धा, हिंगणघाट और यवतमाल के लिए सीमित सेवाएं चलाईं। सोमवार की शाम को किसानों का मोर्चा जामठा से मानापुर चौक तक पहुंचा और आंदोलनकारियों ने वहां धरना दिया। इससे चंद्रपुर और वर्धा मार्ग पर वाहनों की आवाजाही दोनों ओर से बंद हो गई और भारी जाम लग गया।
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नागपुर से बाहर जाने वाले और बाहर से आने वाले वाहन फंसे रहे, जिससे लंबी कतारें लग गईं। परिस्थिति को देखते हुए नागपुर-हिंगणघाट और नागपुर-चंद्रपुर मार्ग की बसें रद्द की गईं, जबकि नागपुर-पंढरपुर बस का मार्ग बदल दिया गया। कई बसें जिनमें चंद्रपुर, राजूरा, अहेरी, हिंगणघाट, पांढरकवडा और यवतमाल यार्ड की बसें जाम में फंस गईं और नागपुर नहीं पहुंच सकीं।
तीसरे दिन भी आंदोलन जारी रहने के कारण यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ वैकल्पिक मार्गों से बसें चलाई गईं। जैसे उमरेड-नागभीड-मूल, उमरेड-चिमूर-वरोरा-भद्रावती, उमरेड-सिर्सी-गिरड-समुद्रपुर-जाम, तथा हिंगणा-कवडस-सेलू-वर्धा मार्ग आदि। इससे यात्रियों को आम दिनों से कहीं अधिक देर तक लंबा सफर करना पड़ा। यह उनके लिए परेशानी का कारण बना। इससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा और परिवहन महामंडल को भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।






