किसानों की उपेक्षा (सौजन्य - सोशल मीडिया)
Nagpur News: खेती का सारा दारोमदार किसानों के कंधों पर टिका हुआ है। इसके लिए किसान सुबह से शाम तक खेतों में जीतोड़ मेहनत करता है। लेकिन विडंबना देखिए कि दूसरों का पेट भरने वाले अन्नदाता किसान को ही अपना पेट भरने के लिए दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो पाती है। किसानों के हित में सिर्फ बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन उन्हें कभी भी पूरा नहीं किया जाता।
दिन प्रतिदिन खेती घाटे का सौदा साबित होती जा रही है। आज किसान खेतों में अपने श्रम को छोड़कर जो पूंजी लगाता है वही निकल आए तो बड़ी बात होती है, लाभ तो दूर की बात है। सिंचाई के साधनों की समस्या और बीजों व उर्वरकों के आसमान छूते दामों ने तो किसानों की कमर ही तोड़ कर रख दी है। प्राकृतिक आपदाओं की मार भी इन किसानों को झेलनी पड़ती है।
कभी अत्याधिक बारिश, बेमौसम बारिश तो कभी बारिश की कमी से फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है। प्राकृतिक आपदा आने पर किसानों का सबसे अधिक नुकसान होता है। किसानों को उतना मुआवजा नहीं मिल पाता है जितना कि उनका नुकसान होता है। प्राकृतिक आपदा ही नहीं बल्कि ऐसी कई समस्याएं हैं जिनका निराकरण नहीं हो पाता है। यही सब कारण है कि युवा अब कृषि कार्य से मुंह मोड़ते जा रहे हैं।
आज भी कई किसान ऐसे हैं जो पुराने तरीके से ही खेती करते हैं, ऐसे में वे उतनी पैदावार नहीं ले पाते हैं, जितनी कि होनी चाहिए। पैसे के अभाव में आज भी कई किसान आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। उन्नत किस्म की खाद व बीज की किल्लत तो हमेशा ही बनी रहती है।
बुवाई के बाद खेती के लिए जरूरी खाद भी किसानों को महंगे दामों में खरीदनी पड़ती है। जनप्रतिनिधि भी उनकी नहीं सुनते हैं और मजबूरन किसानों को महंगे दामों पर बीज, खाद की खरीदी करनी पड़ती है लेकिन फसल तैयार होने के बाद इसका मनमाफिक दाम उन्हें नहीं मिल पाता है।
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के हाल ही के दौरे में अनेक किसानों ने यह जानकारी दी कि उन्हें समय पर यूरिया नहीं मिल पा रहा है जिससे फसलों की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस संदर्भ में रामटेक लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्यामकुमार बर्वे ने जगत प्रकाश नड्डा, रसायन एवं उर्वरक मंत्री, भारत सरकार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से पत्र लिखकर मांग की है कि अतिशीघ्र जिले के किसानों को यूरिया की आपूर्ति की जाए।
भारतीय मौसम विभाग ने खरीफ-2025 के लिए सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान जताया है जिससे किसानों में अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है लेकिन यदि उन्हें जरूरत के समय पर यूरिया खाद नहीं मिला तो यह उम्मीदें धराशायी हो सकती हैं।
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सांसद बर्वे ने बताया कि इस गंभीर स्थिति को देखते हुए संबंधित विभागों तथा उर्वरक उत्पादक एवं आयातकों को निर्देशित करने की आवश्यकता है कि नागपुर जिले के कन्हान रैक प्वॉइंट पर तत्काल 5,000 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इससे यूरिया का समय पर वितरण कर किसानों की फसलों को बचाया जा सकेगा।
कृषि क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अतः यह अपेक्षा की जाती है कि शासन स्तर से इस विषय को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी, ताकि किसानों को समय पर यूरिया मिल सके और फसल को होने वाले संभावित नुकसान को रोका जा सके।