
नागपुर में धोखाधड़ी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Fake Job Appointment Fraud: राणा प्रताप नगर थाना क्षेत्र में नौकरी के नाम पर 2 लोगों से कुल 20.50 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों में अध्यापक लेआउट, त्रिमूर्ति नगर निवासी मनोज ज्ञानदेव बगाडे के अलावा अमरावती निवासी शर्मा जी उर्फ मोहसिन खान और हफीज खान भूरे पठान शामिल हैं। मानकापुर निवासी राहुल यादवरावजी घायवर (50) और मनोज की पुरानी पहचान थी।
एक बार राहुल ने मनोज से कहा कि वह अपनी पत्नी को सरकारी नौकरी दिलाना चाहता है। मनोज ने मौका देखकर उसे केन्द्र सरकार में क्लर्क या प्यून की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उसने मोहसिन और हफीज को इस धोखाधड़ी में शामिल किया। आरोप है कि उसने राहुल से मोहसिन की पहचान शर्मा जी के तौर पर कराई।
आरोपियों ने राहुल से कहा कि केन्द्रीय विद्यालय, कामठी में लाइब्रेरियन की नौकरी निकली है लेकिन 15.50 लाख रुपये खर्च करेंगे। राहुल ने झांसे में आकर ऑनलाइन और नकद रूप से पूरी रकम उन्हें दे दी। इसके बाद आरोपियों ने टालमटोल शुरू कर दी।
आरोपियों ने गणेशनगर निवासी अमित दिगंबर बंसोड (21) से भी 5 लाख रुपये की ठगी की। अमित ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उसे अंबाझरी स्थित केन्द्रीय विद्यालय में प्यून की नौकरी दिलाने का झांसा दिया और 5 लाख रुपये मांगे। झांसे में आकर अमित ने रकम दे दी।
इसके बाद आरोपियों ने दोनों को नकली नियुक्ति पत्र दे दिये। सच पता चलने पर दोनों ने अपनी रकम वापस मांगी तो आरोपियों ने टालमटोल शुरू कर दी। अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चलते ही राहुल और अमित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
यह भी पढ़ें – जनसंख्या कम, वोटर ज्यादा, मतदाता सूची को लेकर बढ़ा कन्फ्यूजन, SIR विवाद के बीच नया बवाल!
नागपुर, नगर प्रतिनिधि। सोनेगांव थाना क्षेत्र में एक महिला से उसके ही रिश्तेदारों ने विश्वासघात कर 1 करोड़ 40 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी रिश्तेदारों ने महिला की अज्ञानता और विश्वास का फायदा उठाकर उसके नाम पर बैंक से भारी राशि का लोन लिया। जानकारी के अनुसार पावनभूमि, सोमलवाडा निवासी रेखा अशोक राऊत (53) ने पुलिस को बताया कि उनके पति के निधन के बाद उनके देवर और अन्य लोगों ने कहा कि भविष्य में कोई घर पर दावा न करे, इसलिए आवश्यक दस्तावेज तैयार करवाने होंगे।
इसी बहाने आरोपियों ने उनसे कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करवाए। बाद में 3 मई 2025 को रेखा राऊत को कैनरा बैंक, बेसा शाखा से नोटिस प्राप्त हुआ, जिसमें उल्लेख था कि उन्होंने शोमन डिज़ाइन एंड डेकोर प्रा। लि। के लिए गारंटी दी है और उनके प्लॉट नंबर 113 को 1.40 करोड़ रुपये के लोन के लिए गिरवी रखा गया है। इस पर महिला को पता चला कि आरोपी प्रतीक राऊत, करिश्मा राऊत, राजू नाखले और निखिल जिचकार ने मिलकर उनके नाम पर बैंक से लोन निकालकर धोखाधड़ी की। पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।






