
कांग्रेस के पास 11 स्थानों पर इच्छुक उम्मीदवार नहीं (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: नागपुर जिले की नगर परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद के लिए बुधवार को हुई कांग्रेस की चयन प्रक्रिया में 11 स्थानों से एक भी इच्छुक उम्मीदवार सामने नहीं आया। प्रमुख राजनीतिक दल होने के बावजूद इन स्थानों से किसी भी उम्मीदवार का इंटरव्यू के लिए नहीं पहुंचना चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि बार-बार इंटरव्यू के लिए बुलाए जाने से कई इच्छुक नाराज हैं।
प्रदेश कांग्रेस ने 7 नवंबर को हुई पिछली बैठक को अमान्य घोषित करते हुए 12 नवंबर (बुधवार) को आधिकारिक बैठक बुलाने और चयन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत कलमेश्वर, सावनेर, मोहपा, खापा, पारशिवनी, भिवापुर, काटोल, नरखेड, वानाडोंगरी, निलडोह और डिगडोह (देवी) से कोई भी इच्छुक इंटरव्यू के लिए नहीं पहुंचा।
जिला कांग्रेस ने रविवार, 16 नवंबर को नगराध्यक्ष पदों के उम्मीदवारों की घोषणा करने की जानकारी दी। मंगलवार, 11 नवंबर को प्रदेश कांग्रेस से पत्र प्राप्त होने के बाद जिला कांग्रेस ने सभी इच्छुकों को इंटरव्यू के लिए बुलाया था।
गणेशपेठ स्थित कार्यालय में सुबह 10.30 बजे से इंटरव्यू आयोजित किए गए। इस दौरान जिला पर्यवेक्षक एवं पूर्व विधायक प्रो. वीरेंद्र जगताप, विधानसभा पर्यवेक्षक तातू देशमुख, अभ्युदय मेघे, जिलाध्यक्ष अश्विन बैस, नाना गावंडे, बाबा आष्टनकर, कुंदा राउत, अवंतिका लेकुरवाले, शकूर नागाणी, रमण चौधरी, मुजीब पठान, नाना कंभाले, मिथिलेश कन्हेरे, तुलशीराम कालमेघ, सतीश अढाऊ और राहुल घरडे उपस्थित थे।कुल 70 इच्छुकों ने इंटरव्यू में भाग लिया, जिनमें कामठी से 13, वाडी से 3, बुटीबोरी से 4, मौदा से 4, बिडगांव तरोडी से 1 और रामटेक से 1 उम्मीदवार शामिल थे।
जिले की 15 नगर परिषदों और 12 नगर पंचायतों के लिए 2 दिसंबर को मतदान होगा। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 10 से 17 नवंबर तक चलेगी। नामांकन शुरू होने के बावजूद बैठकों, इंटरव्यू और आश्वासनों का सिलसिला जारी है, जिससे कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वहीं, नेताओं के बीच मतभेद के कारण कई स्थानों पर असंतोष भी देखा जा रहा है।
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बुधवार को हुई आधिकारिक बैठक में पूर्व मंत्री सुनील केदार की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजेंद्र मूलक और सुरेश भोयर बैठक के सिलसिले में मुंबई में थे। प्रदेश कांग्रेस ने इस बैठक को अधिकृत करते हुए चयन प्रक्रिया को शालीनता और पारदर्शिता के साथ पूरी करने के निर्देश दिए थे।
बैठक के दौरान बुटीबोरी की उम्मीदवारी को लेकर रमण चौधरी और मुजीब पठान के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। अध्यक्ष द्वारा एक का आवेदन स्वीकार किए जाने पर दूसरे ने आपत्ति जताई, जिससे विवाद बढ़ गया। दोनों में जबानी बहस के बाद मामला हाथापाई की नौबत तक पहुंच गया। बाद में प्रो. वीरेंद्र जगताप और नाना गावंडे ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। बताया जा रहा है कि बुटीबोरी में भाजपा के दो गुट हैं। एक गुट के साथ कांग्रेस चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि कांग्रेस के ही दूसरे गुट ने इसका विरोध किया है।






