कचरा संकलन (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur Ranking in Sanitation Survey: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 17 जुलाई को जारी स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों में नागपुर को 27वां स्थान दिया गया था। इस रैंकिंग से नागपुर महानगरपालिका प्रशासन नाखुश था क्योंकि घर-घर से कचरा इकट्ठा करने के लिए केवल 30% और कचरा वर्गीकरण के लिए सिर्फ 1% अंक दिए गए थे। इसके अलावा शहर को कचरा-मुक्त श्रेणी में 0 अंक मिले थे।
मनपा ने केंद्रीय मंत्रालय को बताया कि अंकों की गणना में त्रुटियां थीं। आखिरकार मंत्रालय ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और अंकों की दोबारा जांच की जिसके बाद नागपुर को ‘22ए’ रैंक दी गई। मनपा ने इस फैसले को स्वीकार कर लिया है। मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी ने कहा कि भविष्य में मनपा और अधिक प्रयास करके नागपुर को शीर्ष-10 स्वच्छ शहरों में लाने का प्रयास करेगी।
बुधवार को जारी ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25’ के संशोधित परिणामों में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नागपुर को 22वां स्थान मिला है। पहले यह 27वें स्थान पर था। मनपा के आपत्ति जताने के बाद नागपुर ने यह बड़ी छलांग लगाई है। अब नागपुर देश के 40 शहरों में से 22वें स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र में 414 शहरी स्थानीय निकायों में 25वें स्थान पर है।
नागपुर की रैंकिंग में सुधार करते हुए मंत्रालय ने इस बात का ध्यान रखा है कि अन्य शहरों की रैंकिंग में गिरावट न आए। यही वजह है कि नागपुर को ‘22ए’ रैंक दिया गया है जिससे 22वें और 23वें स्थान पर रहे शहरों की स्थिति बनी रही। इसका मतलब है कि नागपुर अब नासिक (जो 22वें स्थान पर था) से ऊपर और मेरठ (जो 23वें स्थान पर था) से भी आगे निकल गया है।
यह भी पढ़ें – 12 घंटे में तय होगा नागपुर-पुणे का सफर, 10 अगस्त से शुरू होगी वंदे भारत, देखें टाइम टेबल
मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के परिणामों में अंकों की गणना में त्रुटि पाए जाने पर मनपा ने केंद्रीय मंत्रालय को अवगत कराया था। अंकों की दोबारा जांच के बाद संशोधित परिणामों में मनपा की रैंकिंग 27वें से सीधे ‘22ए’ पर आ गई है।