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नागपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे यात्रियों की सुरक्षा व संरक्षा तथा ट्रेनों में अपराध की रोकथाम, संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने और सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखकर ट्रेनों के कोच में क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगा रहा है. अब तक 110 एलएचबी कोच, 72 ईएमयू के कोच तथा 8 डेमू कोच में क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाए जा चुके हैं.
ट्रेनों में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना प्राप्त होने पर इन कैमरों की मदद से डाटा को डाउनलोड करके उनका विश्लेषण कर आगे की कार्रवाई की जा सकेगी. इसी कड़ी में यात्री ट्रेनों में दुर्ग- निज़ामुद्दीन-दुर्ग, हमसफर एक्स., कोरबा-अमृतसर-कोरबा, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, बिलासपुर-भगत की कोठी-बिलासपुर एक्स, बिलासपुर-पुणे व बिलासपुर-चेन्नई, बिलासपुर-पटना व बिलासपुर-एर्नाकुलम, दुर्ग-निज़ामुद्दीन, संपर्कक्रांति व दुर्ग-जम्मूतवी आदि शामिल हैं.
इसी प्रकार बल्लारशाह-गोंदिया मेमू, चांदाफ़ोर्ट-गोंदिया मेमू, गोंदिया-झारसुगुड़ा मेमू, झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू, केवटी-रायपुर डेमू में क्लोज सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं. ट्रेनों में कोच के अतिरिक्त कई स्टेशनों के प्लेटफार्म व स्टेशन परिसरों में भी सीसीटीवी कैमरे का प्रावधान किया जा चुका है. इसी कड़ी में 12 स्टेशनों में लगभग 360 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि फरवरी 2021 से अभी तक 21 मामलें को सीसीटीवी के द्वारा डिटेक्ट किया गया है, जिसमें 22 लोगों की गिरफ्तारी तथा 13 लाख से अधिक मूल्य की संपत्ति बरामद की गई.
इन कैमरों की मदद से आपराधिक एवं संदिग्ध गतिविधियों की रोकथाम के साथ स्टेशनों पर यात्रियों के छूटे हुए सामानों की बरामदगी में भी सहायता मिल रही है. इसके अतिरिक्त संदिग्धों एवं अपराधियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने तथा विवाद सुलझाने में कैमरे के फुटेज साक्ष्य के तौर पर उपयोग में लाये जा रहे है. साथ ही साथ रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले शरारती तत्वों और रेल में अपराध करने वालों पर भी अंकुश लगाने में सीसीटीवी कैमरे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.