हाई कोर्ट में हलफनामा (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Stray Dogs in Nagpur: शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या से हर तरफ भय का माहौल है। ऐसी स्थिति है कि कुत्तों का झुंड कभी भी हमला कर सकता है। इस संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान महानगरपालिका के वकीलों ने 23 गैर-जिम्मेदार अधिकारियों की सूची सौंपी।
इसके बाद हाई कोर्ट ने मनपा और पुलिस विभाग को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में 9 सितंबर तक हलफनामा पेश करने का आदेश दिया। मंगलवार को आवारा कुत्तों के झुंड ने 9 साल के एक बच्चे पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। कुछ दिन पहले 12 साल के एक बच्चे की आवारा कुत्ते के कारण 5वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी।
इस पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने खुद माना कि शहर में आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर है और अदालत के आदेश की अनदेखी करने वाले सरकारी तंत्र के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने सीधे तौर पर आरोप लगाया था कि पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षक और मनपा आयुक्त ने आदेश का उल्लंघन किया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता फिरदौस मिर्ज़ा, मनपा की ओर से सुधीर पुराणिक, पशु कल्याण बोर्ड की ओर से अधिवक्ता सन्याल और केंद्रीय पशु कल्याण बोर्ड की ओर से अधिवक्ता नंदेश देशपांडे उपस्थित हुए।
विजय तालेवार ने यह जनहित याचिका दायर की है और सुनवाई के दौरान उनके वकील फिरदौस मिर्ज़ा ने दलील दी कि अगर शहर में यही स्थिति रही तो कुत्तों को मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इस पर पशु कल्याण बोर्ड ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और इस समस्या के समाधान के लिए क्या किया जा सकता है?
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इस पर एक हलफनामा पेश किया है लेकिन यह समाधान स्थानीय प्रशासन को ही निकालना है और मिर्ज़ा ने इस समस्या के समाधान में लगातार लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है? इस पर भी एक हलफनामा पेश किया है।