RTO अधिकारी के साथ गालीगलौज (AI Generated Photo)
Nagpur RTO Conflict News: प्रशांत ट्रेलर सर्विस, कालंबोली (नवी मुंबई) के मालिक प्रशांत जाधव पर रामटेक पुलिस ने गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उसने मोटर यान निरीक्षक को धमकाया, जातिसूचक गालियां दीं और चेकपोस्ट पर शासकीय कार्य में बाधा डाली। यह घटना 31 जुलाई की सुबह करीब 8.21 बजे नागपुर जिले के कांद्री बॉर्डर चेकपोस्ट पर हुई जब मोटर वाहन निरीक्षक गणेश रमेशराव राठौड़ अपनी ड्यूटी पर तैनात थे।
उसी समय सफेद बलेनो वाहन क्रमांक एमएच 46/ बीके 2617 से प्रशांत जाधव एक अन्य व्यक्ति के साथ चेकपोस्ट पर पहुंचा और बिना अनुमति के परिसर में वीडियो बनाना शुरू कर दिया। जब राठौड़ ने वीडियो बनाने का कारण पूछा तो जाधव ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए धमकी दी कि यदि उसके ट्रकों को बिना जांच के नहीं जाने दिया गया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इतना ही नहीं, उसने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए तय प्रक्रिया का पालन न किए जाने पर भी सवाल उठाया। जब राठौड़ ने उसकी अनैतिक मांग मानने से इनकार कर दिया तो जाधव ने जातिसूचक गालियां दीं और चेकपोस्ट पर हंगामा खड़ा कर दिया। इस वजह से लगभग आधा घंटा तक शासकीय कार्य बाधित रहा।
इस दौरान वहां मौजूद वाहन चालक विजय सोनटक्के और अडाणी कंपनी के एक कर्मचारी ने पूरी घटना देखी और वे गवाह के रूप में सामने आए हैं। इसके बाद राठौड़ ने इस घटना की शिकायत रामटेक थाने में की। रामटेक पुलिस ने प्रशांत जाधव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 4 की धारा 132 (शासकीय कार्य में बाधा), 221 (कर्मचारी से अपराध में मदद), 352 (हमला व बल प्रयोग), 351 (2) सहित अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (1) (आर), 3 (1) (एस) और 3 (2)(वीए) के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रशांत जाधव परिवहन आयुक्त कार्यालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के लिए काम करता है जो विभिन्न आरटीओ कार्यालयों से हर महीने ‘रसद’ (अवैध वसूली राशि) मंगवाते हैं। नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर के कुछ ईमानदार क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा जब यह ‘रसद’ भेजने से इनकार किया गया तो उन्हीं पर दबाव बनाने के लिए प्रशांत जाधव को भेजकर हंगामा करवाने की योजना बनाई गई। इसी रणनीति के तहत राठौड़ को निशाना बनाया गया।
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सूत्रों ने यह भी बताया कि जलगांव में पदस्थ एक अधिकारी को जब लोकायुक्त ने 3 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा तब उसके खिलाफ शिकायत करने वाले अधिकारी वही थे जिन्होंने ‘रसद’ बंद की थी। इसके बाद मुख्य आरोपी दीपक पाटिल पर भी भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। इसी बदले की भावना से दीपक पाटिल और उसकी टीम ने अन्य अधिकारियों पर फर्जी आरोप लगाकर दबाव बनाने की साजिश रची जिसमें राठौड़ भी शिकार बने हैं।