
अबू आजमी, CM फडणवीस
 
    
 
    
Mumbai Political News: देवेंद्र फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र के सभी स्कूलों को 31 अक्टूबर से 7 नवंबर तक राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ का पूरा संस्करण गाने का निर्देश दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने 27 अक्टूबर को इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया। हालांकि शिक्षा विभाग के इस आदेश पर महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अबू आज़मी ने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का गायन अनिवार्य नहीं होना चाहिए क्योंकि सभी की आस्थाएं अलग-अलग होती हैं। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि अगर विधायक राष्ट्रीय गीत का सम्मान नहीं करते हैं तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
शिक्षा विभाग के आदेश में कहा गया है कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वंदे मातरम 31 अक्टूबर को 150 वर्ष पूरे कर रहा है। राज्यभर के स्कूलों में फिलहाल राष्ट्रीय गीत के पहले दो पद गाए जाते हैं। हालांकि, इसके 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, 31 अक्टूबर से 7 नवंबर तक सभी माध्यमों के स्कूलों में वंदे मातरम का पूरा संस्करण गाया जाना चाहिए। स्कूलों को इस गीत के इतिहास को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी भी लगानी चाहिए।
सपा विधायक आज़मी ने कहा कि वंदे मातरम गाना अनिवार्य करना उचित नहीं है क्योंकि हर व्यक्ति की धार्मिक मान्यताएं अलग-अलग होती हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम अपनी मां के सम्मान को बहुत महत्व देता है, लेकिन उसके आगे सजदा करने की अनुमति नहीं देता।
भाजपा का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधते हुए आज़मी ने कहा, “आप कुछ नहीं करते, कोई विकास नहीं करते। बस हिंदू-मुस्लिम (राजनीति) करते हैं और (चुनाव) जीत जाते हैं… जब बाघ खून का स्वाद चख लेता है, तो वह उसे ढूंढ़ता रहता है। इसलिए वे मुसलमानों को नाराज़ करने वाले मुद्दों पर शोध करते रहते हैं।”
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इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, महाराष्ट्र भाजपा के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने कहा, “अगर अबू आज़मी को वंदे मातरम से दिक्कत है, तो उन्हें पाकिस्तान या अपनी पसंद के किसी अन्य देश चले जाना चाहिए। अगर वह यहां रहना चाहते हैं, तो उन्हें वंदे मातरम का सम्मान करना होगा और उसका पाठ करना होगा।”






