अनिल परब (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: शिवसेना यूबीटी के एमएलसी अनिल परब समेत 11 लोगों पर जून 2023 में एक बीएमसी अधिकारी पर हमला और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। आरोपियों पर सरकारी अधिकारी के कर्तव्यों को निभाने से रोकने, हमला करने और आपराधिक धमकी देने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार 26 जून 2023 को अनिल परब और उनके समर्थकों की एक समूह ‘एब ईस्ट वार्ड कार्यालय, प्रभात कॉलोनी, सांताक्रूज (पूर्व)’ में बीएमसी अधिकारी अजयकुमार पाटिल पर हमला करने और उन्हें डराने का प्रयास करने के आरोप में शामिल थी।
प्रत्येक आरोपी को आईपीसी की धारा 353 के तहत आरोपी बनाया गया है। आरोपियों में अनिल परब, सदानंद परब, उदय दलवी, संतोष कदम, हाजी अलीम खार, स्नेहा सतम, दीपक भुटकर, दिनेश कुबल, संदीप शिवलकर, चंद्रशेखर वायंगकर और हरिप्रसाद शास्त्री शामिल हैं।
इस घटना के बाद शिवसेना के अंदर राजनीतिक तकरार भी तेज हो गई है। शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने कहा कि शिवसेना को तोड़ने में अनिल परब की अहम भूमिका रही है और उन्होंने परब को चापलूस करार दिया। रामदास कदम का आरोप है कि परब ने अपने विभाग में कई नेताओं को चुनाव जीताने में मदद की और पार्टी की मूल छवि को नुकसान पहुंचाया।
वहीं, अनिल परब ने रामदास कदम पर जानकारी का अभाव होने और गलत आरोप लगाने का पलटवार किया। इस घटना ने ठाकरे गुट और शिंदे गुट के बीच पुरानी राजनीतिक खटपट को और तेज कर दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल राजनीतिक संघर्ष को बढ़ावा देती हैं, बल्कि प्रशासनिक कार्यों और आम नागरिकों के विश्वास पर भी असर डालती हैं। अधिकारियों ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और सभी पक्षों से बयान लिए जा रहे हैं।
शिवसेना के अंदरूनी विवाद, खासकर यूबीटी और शिंदे गुट के बीच, आगामी चुनावों और पार्टी की राजनीतिक दिशा पर भी असर डाल सकता है। पार्टी नेताओं का कहना है कि विवाद को सुलझाने के लिए उच्च स्तरीय बैठकें की जा रही हैं।