वीरमाता जिजाबाई भोसले वनस्पति उद्यान (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: थांबा मी लवकरच येत आहे (रुको।। मैं जल्द ही आ रहा हूं),” यह पोस्टर रानी बाग में नए रूप से तैयार किए गए शेर के बाड़े में लगाया गया है। इसके शेर की तस्वीर के साथ एक अन्य पोस्टर पर लिखा है कि मेरे आगमन का इंतजार करो।
वीरमाता जिजाबाई भोसले वनस्पति उद्यान जिसे रानी बाग के नाम से भी जाना जाता है। वहां 12 वर्ष बाद भी शेरों के आगमन का इंतजार जारी है। आगंतुक बड़े ही उत्साह के साथ शेर के खाली बाड़ा की ओर देखते हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ रखती है। हालांकि, मनपा प्रशासन का कहना है कि शेरों को लाने का प्रयास जारी है। अधिकारी ने बताया कि गुजरात में एसियाटिक शेरों की तादाद अधिक है, इसके लिए मनपा ने गुजरात प्रशासन को बकायदा पत्र भी लिखा है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही इस संबंध में कुछ निष्कर्ष निकाला जाएगा।
हमारा शेरों का बाड़ा 2022 से तैयार है। हमने एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कई चिड़ियाघरों को पत्र लिखा है, लेकिन अधिकांश के पास सिर्फ एक जोड़ी शेर है या फिर चिकित्सकीय कारणों से वे उन्हें नहीं दे पा रहे। बता दें कि रानी बाग में वर्ष 2014 से शेर नहीं हैं, जब 16 वर्षीय अफ्रीकी-एशियाई संकर ‘जिमी’ की लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई थी।
1998 में अफ्रीकी शेर अमर और एशियाई शेरनी अनीता से जन्मा जिमी, जू का आख़िरी शेर और पर्यटकों के बीच बड़ा आकर्षण था। जिमी की मृत्यु के बाद, मनपा ने 2015 में शुरू किए गए चरणबद्ध विस्तार प्रकल्प के तहत शेरों के बाड़े का नवीनीकरण किया। यह काम तीन वर्ष पहले ही पूरा हो गया था, लेकिन अब तक नए शेर नहीं लाए जा सके। अधिकारी ने यह भी कहा कि जू के पास भी अदला- बदली के लिए कोई जानवर उपलब्ध नहीं है। हालांकि पेंगुइन की अदला-बदली का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन उसकी देखरेख की महंगी लागत के कारण देशभर के चिड़ियाघरों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।
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