ऑटो टैक्सी ड्राइवर (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: देश की आर्थिक राजधानी में परिवहन विभाग ने ऑटो-टैक्सी चालकों की मनमानी और अवैध किराया वसूली पर पर लगाम कसते हुए कड़ा रुख अपनाया है।
तय किराया दरों और नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑटो रिक्शा, टैक्सी और अवैध बाइक टैक्सियों पर आरटीओ ने बड़ी कार्रवाई कर नकेल कस दिया है।
लगातार शिकायतें मिलने पर अप्रैल से अगस्त तक के 5 महीनों में मुंबई महानगर क्षेत्र परिवहन प्राधिकरण ने 7,152 ऑटो और टैक्सी पर कार्रवाई करते हुए कुल 1 करोड़ 60 लाख रुपये का दंड लगाया है। वहीं, 263 अवैध बाइक टैक्सी के खिलाफ की गई कार्रवाई में 3.88 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है।
यह स्थिति देख नए नियम लाये गए। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 68 (1) के तहत राज्य परिवहन प्राधिकरण को यह अधिकार प्राप्त है कि वे अपने क्षेत्र में टैक्सी और ऑटो रिक्शा का किराया नियंत्रित कर सकें। इसी प्रावधान के आधार पर महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी कर किराया तय करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की थी।
मुंबई सहित पूरे महानगर क्षेत्र में ऐप आधारित रिक्षा और टैक्सी चालकों द्वारा मनमानी तरीके से किराया वसूलने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। परिवहन विभाग ने इन कंपनियों को इलेक्ट्रक बाइक टैक्सी और चार पहिया टैक्सी चलाने के अस्थायी परमिट दिए थे। तय नियमों और शर्तों का पालन न करने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हुई है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में नियमों की अनदेखी हुई तो कंपनियों व वाहन मालिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन विभाग की जानकारी के अनुसार कुछ कंपनियां ऐप के माध्यम से निजी दोपहिया वाहनों को अवैध रूप से यात्री दुलाई में लगा रही हैं। ऐसे मामलों में सीधे आपराधिक प्रकरण दर्ज कर पुलिस कार्रवाई की जा रही है। आरटीओ ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी परमिट धारक ऑटो या टैक्सी ने मोटर वाहन अधिनियम, नियमों या शर्तों का उल्लंघन किया तो विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
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इस समिति की सिफारिशों को मुंबई महानगर क्षेत्र परिवहन प्राधिकरण ने अगस्त 2025 में मंजूरी दे दी। अब सरकार ने ऐप आधारित टैक्सी और मजूरा बाइक एग्रीगेटर को भी उन्हीं नियमों के दायरे में ला दिया है। नई शर्तों के मुताबिक, अगर किसी समय यात्रा की मांग कम रहेगी, तो यात्रियों से केवल बेसिक किराया ही लिया जाएगा। वहीं, मांग अधिक होने की स्थिति में किराया बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसकी सीमा 25% से अधिक नहीं होगी। इस कदम का उद्देश्य यात्रियों की जेब की सुरक्षा करना और ऐप आधारित टैक्सी कंपनियों द्वारा की जाने वाली ‘डायनेमिक प्राइसिंग’ पर लगाम कसना है। सरकार ने साफ किया है कि तय सीमा से अधिक किराया वसूलने पर सख्त कार्रवाई होगी।