मदिरा प्रेमियों की कटेगी जेब (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में शराब प्रेमियों के लिए एक अहम खबर यह है कि राज्य सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया है। इस फैसले से राज्य के खजाने में 14,000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू बढ़ेगा। लेकिन साथ ही शराब प्रेमियों की जेब भी कटेगी।राज्य मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में लिए गए एक बड़े फैसले में आबकारी विभाग ने सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए शराब पर शुल्क बढ़ा दिया है। इसमें भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) पर शुल्क में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को आबकारी विभाग में राजस्व बढ़ाने वाले बदलावों को मंजूरी दे दी, जिसमें शराब पर शुल्क में बढ़ोतरी और नए कार्यालयों एवं पदों का सृजन शामिल है। राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य अनुसूचित जाति (एससी) आयोग को वैधानिक दर्जा देने तथा फिजियोथेरेपी और नर्सिंग के छात्रों के लिए वजीफे में वृद्धि के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि एक उच्च स्तरीय अध्ययन समूह ने अन्य राज्यों की नीतियों की पड़ताल की तथा राज्य आबकारी शुल्क, लाइसेंसिंग और कर संग्रह में सुधार के संबंध में सिफारिशें प्रस्तुत कीं।
सीएमओ ने कहा कि मंत्रिमंडल ने विभाग के पुनर्गठन, शराब उत्पादन इकाई, ‘बॉटलिंग प्लांट’ और थोक लाइसेंस की एआई-आधारित निगरानी के साथ एक एकीकृत नियंत्रण प्रकोष्ठ की स्थापना तथा मुंबई में एक नया संभागीय कार्यालय बनाने के साथ-साथ मुंबई शहर, मुंबई उपनगरों, ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर और अहिल्यानगर जिलों में अतिरिक्त अधीक्षक स्तर के छह कार्यालय बनाने को मंजूरी दी। राज्य ने एक नई श्रेणी भी शुरू की है, अनाज आधारित महाराष्ट्र निर्मित शराब (एमएमएल) जिसका उत्पादन विशेष रूप से स्थानीय निर्माताओं द्वारा किया जाएगा।
एमएमएल ब्रांड को नए पंजीकरण की आवश्यकता होगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन उपायों से आबकारी शुल्क और संबंधित करों से सालाना 14,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग को वैधानिक दर्जा देने के लिए मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी। यह विधेयक राज्य विधानमंडल के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। आयोग की स्थापना मूल रूप से 2005 में सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कायम रखने के लिए की गई थी।
गठबंधन की सुगबुगाहट: शिवसेना (UBT) और मनसे मिलकर कर रही भाजपा को ‘ट्रोल’
अब 180 मिलीलीटर शराब की खुदरा कीमत प्रत्येक ब्रांड के हिसाब से अलग-अलग होगी। इसमें घरेलू शराब का न्यूनतम विक्रय मूल्य 80 रुपये होगा, जबकि महाराष्ट्र में निर्मित शराब 148 रुपये होगी, जबकि भारत में निर्मित विदेशी शराब का न्यूनतम विक्रय मूल्य 205 रुपए होगा और विदेशी शराब के प्रीमियम ब्रांड 360 रुपये होंगे। प्रत्येक ब्रांड के हिसाब से कीमत अलग-अलग होगी।
शराब की कीमत के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने के लिए, सीलबंद विदेशी बिचौलियों के होटल और रेस्टोरेंट को अनुबंध के माध्यम से लीज पर चलाने की मंजूरी दी गई है। इस पर दस से पंद्रह प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। साथ ही, विभाग को मजबूत करने के लिए, राज्य आबकारी विभाग में 1223 नए पदों को भरने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इसके साथ ही, राज्य आबकारी विभाग के तहत मुंबई शहर और उपनगरों के लिए एक नया विभागीय कार्यालय खोला जाएगा। इसके कारण, अब शराब प्रेमियों को शराब खरीदते समय अधिक पैसे देने के लिए तैयार रहना होगा।