गोपीचंद पड़लकर
Sharad Pawar News: भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने बुधवार को राकांपा के वरिष्ठ नेता शरद पवार को साजिशों की फैक्ट्री बताते हुए जमकर निशाना साधा। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पडलकर ने शरद पवार पर मारकडवाडी के सीधे-सादे लोगों को गुमराह करने तथा चुनाव आयोग को बेवजह बदनाम करने का आरोप लगाया और पवार तथा उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। इस मौके पर मारकडवाडी के सरपंच रणजीत मारकड, उपसरपंच आबाराजे मारकड, ग्राम पंचायत सदस्य शहाजी वाघमोडे, पवार गुट के कार्यकर्ता दत्तात्रेय मारकड, अभिजीत देवकाते, भाजपा मीडिया विभाग प्रमुख नवनाथ बन आदि मौजूद थे।
विधायक पडलकर ने कहा कि जिस मारकडवाडी में दोबारा मतदान के लिए आंदोलन हुआ था, वहां के सरपंच और उपसरपंच ने खुलासा किया है कि इस आंदोलन के पीछे शरद पवार और उनके सहयोगियों की साजिश थी। इससे इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ गई है और शरद पवार का पर्दाफाश हो गया है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मालशिरस की मारकडवाडी में महाविकास आघाडी के उम्मीदवार को कम वोट मिलने से परेशान होकर शरद पवार और महाविकास आघाडी के नेताओं ने यह झूठा और बेबुनियाद आरोप लगाया कि ईवीएम में घोटाला हुआ है और इस मुद्दे को पूरे राज्य और देश में हवा दी। पवार संविधान द्वारा स्थापित चुनाव आयोग जैसी स्वायत्त संस्था और ईवीएम पर संदेह उठाकर पाप कर रहे हैं। पवार, कांग्रेस और विपक्ष ने चुनाव आयोग और ईवीएम पर अपने कम वोटों का दोष मढ़ने की साजिश रची थी।
मारकडवाडी के सरपंच रणजीत मारकड ने दोबारा मतदान की मांग को लेकर हुए आंदोलन के पीछे की सच्चाई बताई। उन्होंने कहा कि शरद पवार और उनके साथियों ने मारकडवाडी के लोगों को बलि का बकरा बनाया। विधानसभा चुनाव में शरद पवार गुट के उम्मीदवार उत्तमराव जानकर को उनके अपने गांव में उम्मीद के मुताबिक वोट नहीं मिलने से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी खेमे में खलबली मच गई थी, इसलिए चुनाव के नतीजों के बाद शरद पवार की टीम ने यह जानना चाहा कि मारकडवाडी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के खिलाफ कहां-कहां वोट पड़े हैं। उन्होंने ग्रामीणों पर दबाव डालकर झूठा शपथ पत्र लिया। उन्होंने यह भी साफ किया कि हमें गुमराह करके महायुति और चुनाव आयोग के खिलाफ झूठी प्रतिक्रिया देने पर मजबूर किया गया।
मारकड ने कहा कि जब हमें यह पता चला कि ईवीएम में घोटाले का झूठा आरोप लगाकर लोकतंत्र, चुनाव आयोग और गांव को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है, तो हमने इस बारे में सच्चाई बताने का फैसला किया। क्योंकि 40 साल से विकास से वंचित गांव में महायुति और देवेंद्र फडणवीस ने विकास कार्यों की झड़ी लगाकर गांव का पूरा स्वरूप बदल दिया।
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इसलिए ‘जिसका खाए उसी का गुण गाए’ के न्याय के मुताबिक गांव के कई बुजुर्गों और युवा मतदाताओं ने विधानसभा चुनाव में महायुति के उम्मीदवार को भारी मात्रा में वोट दिया था। पूर्व विधायक राम सातपुते ने महायुति सरकार के कार्यकाल में विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का फंड दिया था।