झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (pic credit; social media)
Om Sai Ganesh Project Scam: घाटकोपर पूर्व के कामराज नगर में ओम साई गणेश एसआरए सहकारी गृहनिर्माण संस्था में अनियमितताओं का गंभीर मामला सामने आया है। शिकायतों के बाद स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) ने डेवलपर को नोटिस भेजा है और एक महीने के भीतर जवाब देने को कहा है।
जानकारी के अनुसार, साल 2005 में जगह के मालिक गारोडिया ने नीलम बॉम्बे फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड को डेवलपर नियुक्त किया था। 2009 में 1044 झोपड़ियों को एसआरए योजना के तहत पुनर्वासित करने के लिए एलओआई जारी किया गया।
डेवलपर को ओम साई गणेश संस्था के 17,233 वर्ग मीटर क्षेत्र पर विकास करना था, लेकिन उसने अपने प्लॉट में अन्य डेवलपर्स की जमीन भी जोड़कर 18,100 वर्ग मीटर दिखाया और बाद में इसे बढ़ाकर 20,370 वर्ग मीटर कर दिया।
सड़क और जमीन के हिस्सों को भी दो अलग-अलग योजनाओं में दिखाकर भ्रष्टाचार किया गया। 488 झोपड़ाधारकों को 300 वर्ग फुट का फ्लैट मिलना था, लेकिन केवल 269 वर्ग फुट का फ्लैट दिया गया। 70 लोगों को तीन साल से किराया नहीं मिला और कुल बकाया लगभग 3 करोड़ 20 लाख रुपये है।
पूर्व नगरसेवक और चीफ प्रमोटर परमेश्वर कदम ने बताया कि पूरे परिसर में डेवलपर ने 1 लाख 62 हजार 777 वर्ग फुट का लाभ लिया। इसके अलावा, लिफ्ट, फायर ब्रिगेड और अन्य मेंटेनेंस की सुविधाएं नहीं दी गई और सेल इमारत को 25 मंजिला बनाकर बेचा गया, जबकि ओसी अभी तक जारी नहीं हुई है।
एसआरए ने सोसायटी की शिकायतों को गंभीरता से लिया और नोटिस जारी कर जवाब मांगा। समिति और अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी और झोपड़ाधारकों के हक सुनिश्चित किए जाएंगे।
स्थानीय लोगों और प्रभावित परिवारों ने कहा कि इस प्रकार की अनियमितताएं न केवल वित्तीय नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि झोपड़ाधारकों और निवेशकों के विश्वास को भी प्रभावित करती हैं।
एसआरए ने यह स्पष्ट किया है कि सभी नियमों और कानूनों के अनुसार जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। झोपड़ाधारकों को उचित फ्लैट और बकाया किराया दिलाने के लिए प्रशासन सतत निगरानी रखेगा।
यह मामला यह दिखाता है कि मुंबई में एसआरए योजनाओं में पारदर्शिता और निगरानी अत्यंत जरूरी है ताकि पुनर्वासित लोगों और निवेशकों के हित सुरक्षित रहें।