सीएम फडणवीस (pic credit; social media)
Cluster Redevelopment of Slum Dwellers: मुंबई की झोपड़पट्टियों की तस्वीर बदलने की दिशा में मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया। राज्य सरकार ने स्लम क्लस्टर रीडेवलपमेंट योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब 50 एकड़ से बड़ी झुग्गी बस्तियों का एक साथ पुनर्विकास किया जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल झोपड़पट्टियों का उन्मूलन है बल्कि मुंबई को आधुनिक और रहने योग्य शहर बनाना भी है।
फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस योजना को बृहन्मुंबई झुग्गी बस्ती पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) के माध्यम से लागू किया जाएगा। SRA इस योजना की नोडल एजेंसी होगी और वह ऐसे झोपड़पट्टी क्षेत्रों की पहचान करेगी जो कम से कम 50 एकड़ के सन्निहित क्षेत्र में हों तथा जिनमें 51% से अधिक हिस्सा झुग्गियों का हो।
पहचाने गए क्षेत्रों को एक उच्च-स्तरीय समिति को भेजा जाएगा, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (आवास) करेंगे। समिति की सिफारिश के बाद सरकार योजना को मंजूरी देगी। इसके बाद पुनर्विकास का कार्य किसी सरकारी एजेंसी, संयुक्त उपक्रम (JV) या फिर निजी डेवलपर के माध्यम से किया जा सकेगा।
अगर किसी निजी डेवलपर के पास उस क्लस्टर भूमि का 40% से अधिक हिस्सा पहले से है, तो सरकार उसकी सिफारिश पर उसी डेवलपर को परियोजना सौंप सकेगी। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पूरी प्रक्रिया निविदा प्रणाली से होगी।
सरकार ने स्पष्ट किया कि यह योजना सिर्फ झोपड़पट्टियों तक सीमित नहीं होगी। इसमें मुंबई की पुरानी, जर्जर इमारतें, अनुपयोगी खाली जमीनें और किरायेदारों द्वारा कब्जाई गई निर्माणाधीन संपत्तियां भी शामिल की जाएंगी। इसका उद्देश्य इन सभी हिस्सों को एक साथ जोड़कर बड़े पैमाने पर रीडेवलपमेंट को गति देना है।
इस फैसले के बाद झोपड़पट्टियों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए पक्का घर पाने की उम्मीद फिर जगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर योजना सही तरीके से लागू हुई तो आने वाले वर्षों में मुंबई का स्लम बेल्ट पूरी तरह बदल सकता है।
फडणवीस कैबिनेट का यह फैसला न सिर्फ विकास की नई राह खोलेगा, बल्कि मुंबई को झोपड़पट्टियों के बोझ से मुक्त कर एक आधुनिक, स्मार्ट और सुव्यवस्थित शहर बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।