फुटाला में सीवेज का पानी (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur Futala News: नागपुर शहर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और मनोरंजक फुटाला तालाब में पास की बस्तियों से सीवेज छोड़े जाने के कारण तालाब का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है, जबकि इसे बचाने के लिए मनपा की लचर व्यवस्था पर कई सवाल उठने लगे हैं। इन सीवेज के कारण फुटाला तालाब में लगे म्यूजिकल फाउंटेन भी खतरे में है।
विशेषत: घनकचरा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार फुटाला तालाब के दक्षिणी किनारे पर स्थित कश्मीरी बस्ती के लगभग 50 घरों से निकलने वाला सीवेज सीधे तालाब में पहुंच रहा है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि मनपा के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार सीवेज के कारण फुटाला तालाब में बैक्टीरिया और किटाणु पनप रहे हैं जो बिजली के तारों, पंपों और संगीतमय फव्वारे के नियंत्रण प्रणालियों को जंग लगा रहे हैं। इससे करोड़ों रुपये की योजना के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। धरमपेठ क्षेत्र के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बस्तियों से अनियंत्रित तरीके से सीवेज छोड़ा जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि कम से कम 60-70 घरों और 15-20 गौशालाओं का सीवेज और घनकचरा सीधे तालाब क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है।
सूत्र के अनुसार यह समस्या नई नहीं है। 2 दशक पहले प्रन्यास और बाद में मनपा अधिकारियों को तालाब के दक्षिणी किनारे की बस्तियों को खाली कराने की सलाह दी गई थी। इससे तालाब का जलग्रहण क्षेत्र सुरक्षित हो जाता लेकिन इस पर कभी अमल नहीं किया गया। नतीजतन किनारों पर और ज़्यादा घर और गौशालाएं बन गईं जिससे समस्या भी दोगुनी हो गई है।
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महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने 14 जुलाई 2025 को किए गए निरीक्षण में फुटाला तालाब में गंभीर प्रदूषण की सूचना दी है। एमपीसीबी अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में पाया गया कि इलाके में प्लास्टिक कचरा फैला हुआ है और प्रवेश द्वार के पास कचरा फेंका जा रहा है। इतना ही नहीं इससे पहले भी एमपीसीबी ने 30 जून 2025 को नगर निगम को एक पत्र लिखा था लेकिन मनपा ने इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की।