रोहित पवार (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र की महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीन’ योजना पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में 26.34 लाख फर्जी लाभार्थी पाए गए हैं। इस खुलासे ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “मतलब निकल गया, तो अब लाडली योजना बोगस हो गई है।”
रोहित पवार ने सवाल उठाया कि सरकार के पास आवेदन भरने, जांच करने और मंजूरी देने की पूरी मशीनरी मौजूद थी, तो इतनी बड़ी संख्या में फर्जी आवेदन कैसे स्वीकृत हुए? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने यह योजना सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए लागू की थी और अब जब फायदा उठा लिया, तो बहनों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा फर्जी आवेदन उन जिलों से सामने आए हैं, जहां वरिष्ठ मंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री प्रभाव रखते हैं। पुणे जिले में 2 लाख 4 हजार, नाशिक में 1 लाख 86 हजार 800, ठाणे में 1 लाख 25 हजार, मुंबई उपनगर में 1 लाख 13 हजार 300, अहिल्यानगर में 1 लाख 25 हजार 756, संभाजीनगर में 1 लाख 4 हजार 700 और कोल्हापुर जिले में 1 लाख 1 हजार 400 फर्जी लाभार्थी पाए गए।
सरकार ने अब सभी पात्र लाभार्थियों का एक बार फिर से ई-केवाईसी के जरिए सत्यापन करने का निर्णय लिया है। विपक्ष का आरोप है कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते सरकार ने महिलाओं को पहले “लाडली” कहा और बाद में उन्हें “फर्जी” बताकर योजना से बाहर करना शुरू कर दिया।
रोहित पवार ने चेतावनी दी कि सरकार ने जिस 1500 रुपये की मासिक राशि को 2100 रुपये करने का वादा किया था, उसे तुरंत पूरा करे। अन्यथा, आने वाले निकाय चुनावों में बहनें सरकार को सबक सिखाने में पीछे नहीं हटेंगी।
‘लाडली बहन’ योजना में फर्जीवाड़े का खुलासा विपक्ष को सरकार पर हमला करने का बड़ा मौका दे रहा है। वहीं सरकार अब ई-केवाईसी के जरिए नुकसान को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस विवाद ने साफ कर दिया है कि योजना की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ चुके हैं।