तीर्थयात्रा होगी सुपरफास्ट (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के तीर्थस्थलों को एकसाथ जोड़ने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘शक्तिपीठ एक्सप्रेस वे’ परियोजना को मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में हरी झंडी दे दी। यह हाईवे न सिर्फ श्रद्धालुओं की यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि राज्य के धार्मिक पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इस भव्य प्रोजेक्ट के लिए 20,000 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट मंजूर किया गया है।
यह एक्सप्रेस वे वर्धा के पवनार से गोवा सीमा के पत्रादेवी तक बनेगा और रास्ते में साडेतीन शक्तिपीठ, दो ज्योतिर्लिंग, पंढरपुर और अंबेजोगाई जैसे 18 बड़े तीर्थस्थलों को जोड़ते हुए महाराष्ट्र के धार्मिक नक्शे में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में 8 बड़े फैसले लिए गए है। जानतें है क्या है वो फैसले।
मंत्रिमंडळ बैठकीतील महत्त्वाचे निर्णय (संक्षिप्त)#Maharashtra #CabinetDecisions #मंत्रिमंडळनिर्णय pic.twitter.com/b5tuWSSmcM
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) June 24, 2025
पवनार से पत्रादेवी तक बनने वाले तीर्थ महामार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण व निर्माण हेतु 20,000 करोड़ रुपये मंजूर। यह राजमार्ग महाराष्ट्र को धार्मिक पर्यटन में नंबर वन बना सकता है।
सरकारी छात्रावासों में रह रहे आदिवासी छात्रों को मिलने वाले खाद्य भत्ता, निर्वाह भत्ता और शैक्षणिक सामग्री भत्ते में दोगुनी वृद्धि। अब हर छात्र को शिक्षा और पोषण दोनों में मिलेगी मजबूती।
कोयना बांध के नीचे स्थित जलविद्युत केंद्र को संशोधित प्रशासनिक स्वीकृति मिली। इस प्रोजेक्ट से बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 में बदलाव को मंजूरी दी गई है। आगामी विधानसभा सत्र में नया बिल पेश किया जाएगा।
भाषा विवाद में कूद पड़े अबू आज़मी, कहा-हिंदी को घोषित करें राष्ट्रीय…
राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बकाया टैक्स, ब्याज, जुर्माना व विलंब शुल्क में छूट देने हेतु नया संशोधन विधेयक लाया जाएगा।
बांद्रा (पूर्व) में उच्च न्यायालय परिसर से विस्थापितों को ₹31.75 करोड़ का शुल्क माफ, साथ ही उनके अनिवासी व निवासी परिसर लोक निर्माण विभाग को निशुल्क सौंपे जाएंगे।
पिंपरी-चिंचवड़ के मौजा चिखली क्षेत्र में 1.75 हेक्टेयर में से 7000 वर्ग मीटर भूमि को सीवेज शोधन केंद्र (STP) के लिए उपयोग की मंजूरी।
HUDCO (हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) से लिए जाने वाले ₹2000 करोड़ के कर्ज पर राज्य सरकार गारंटी देगी और गारंटी शुल्क माफ करेगी। इसमें शामिल हैं जिसमें छत्रपति संभाजीनगर जल आपूर्ति परियोजना: ₹822.22 करोड़, नागपुर महानगर मलनिःसारण प्रकल्प: ₹268.84 करोड़ और मीरा-भाईंदर जल आपूर्ति प्रकल्प: ₹116.28 करोड़ है।
अब श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा में लंबी दूरी, खराब सड़कें या असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। धार्मिक पर्यटन से राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
सड़क संपर्क सुधरने से स्थानीय रोजगार और व्यापार को बल मिलेगा। महाराष्ट्र सरकार का यह प्रोजेक्ट अब तक का सबसे आस्था-केंद्रित इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन माना जा रहा है। सरकार का दावा है कि यह हाईवे महाराष्ट्र को धार्मिक पर्यटन के ग्लोबल मानचित्र पर स्थापित करेगा। मंत्रिमंडल के फैसलों ने राज्य की आर्थ-धार्मिक दिशा को एक नई रफ्तार दे दी है।