
रामराजे निंबालकर व रणजीत सिंह निंबालकर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Ramraje Nimbalkar Targeted Ranjit Singh Naik Nimbalkar: सातारा जिले के फलटण में महिला डॉक्टर संपदा मुंडे की आत्महत्या को लेकर बीजेपी के पूर्व सांसद रणजीत सिंह नाईक निंबालकर पर उनके परिवार के सीनियर सदस्य व विधान परिषद के पूर्व सभापति रामराजे निंबालकर ने भी निशाना साधा है।
रामराजे ने कहा कि रणजीत सिंह ने 27 पीढ़ियों की इज्जत को डुबोने का काम किया है। एक सभा में बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे विधान परिषद के सभापति थे तो जबरन वसूली के एक मामले में उन्हें फंसाने की कोशिश की गई थी। 2022 में 2 ठेकेदारों के बीच हुए झगड़े में मुझे घसीटा गया था।
रामराजे ने सीधे तौर पर रणजीत सिंह निंबालकर को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वे 77 साल की उम्र में मुझे जेल में डालना चाहते हैं तो डाल दें लेकिन मैं तुम्हें तीसरी बार जेल से बाहर निकालूंगा। मेरे पास पुणे आर्थिक अपराध शाखा का एक पत्र है।
इस पत्र के अनुसार, उन पर एक ठेकेदार से जबरन वसूली मांगने का आरोप लगाया गया था और उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई थी। रामराजे ने चेतावनी दी कि वे इन प्रयासों के पीछे के मास्टरमाइंड से नहीं डरते लेकिन अगर उन्हें 77 साल की उम्र में जेल भी डाल दिया जाए तो वे देखेंगे कि फलटण में किस तरह से रहना है।
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एक तरह से रामराजे ने साफ तौर से कहा है कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाने के पीछे रणजीत सिंह का हाथ था। उनके इस बयान से निंबालकर परिवार के रिश्तों में पड़ी दरार खुल कर सामने आ गई है। जीवन भर भाईदूज नहीं मनाएंगे।
रामराजे निंबालकर के आरोप के बाद रणजीत सिंह नाईक निंबालकर दोहरी मुसीबत में फंस गई है। एक ओर जहां विपक्ष डॉ. संपदा की आत्महत्या रणजीत सिंह पर निशाना साध रहा है, ऐसे में उनके परिवार के सीनियर सदस्य द्वारा उन्हें कटघरे में खड़ा करने से वे बुरी तरह फंस गए हैं।
विपक्ष का आरोप है कि रणजीत सिंह भी डॉ. संपदा पर कई तरह के दबाव बना रहे थे। इस वजह से उन्हें सुसाइड के लिए विवश होना पड़ा। इस मामले में विपक्षी दल सिंह के खिलाफ भी जांच की मांग कर रहा है। हालांकि सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने अपने पूर्व सासद की इस मामले में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है।






